CGPSC घोटाले पर हाईकोर्ट सख्त सरकार से जवाब तलब

CGPSC 2021 भर्ती में गड़बड़ी के मामले में राज्य सरकार ने सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी।

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  • Publish Date - October 15, 2025 / 11:44 AM IST

रायपुर:  छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (Public Service commission) भर्ती घोटाले पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सख्त सवाल पूछे हैं। कोर्ट ने कहा कि जब परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी हो चुकी है तो जांच अब तक अधूरी क्यों है। साथ ही 37 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश जारी न होने पर भी नाराजगी जताई। कोर्ट ने सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी और पूछा कि उम्मीदवारों को अनिश्चितता में क्यों रखा गया है।

CGPSC 2021 भर्ती में गड़बड़ी के मामले में राज्य सरकार ने सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पीएससी की चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि अगर पेपर लीक हुआ था तो परीक्षा पर पुनर्विचार जरूरी है लेकिन जांच पूरी होने तक चयनित उम्मीदवारों को लटकाना गलत है।

सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि 17 उम्मीदवारों की भूमिका की जांच चल रही है और बाकी आरोपियों पर अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं हुई। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब रिपोर्ट में 41 नाम थे तो बाकी लोगों पर जांच कहां पहुंची। हाईकोर्ट ने सरकार से यह बताने को कहा कि किन उम्मीदवारों पर चार्जशीट दायर हुई, किन पर जांच बाकी है और किन अधिकारियों पर कार्रवाई चल रही है।

इस घोटाले में अब तक 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 18 नवंबर 2024 को सीबीआई ने तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया। इसके बाद 10 जनवरी को 5 और आरोपियों को हिरासत में लिया गया जिनमें नितेश सोनवानी, ललित गणवीर, शशांक गोयल, भूमिका कटियार और साहिल सोनवानी शामिल हैं। ये सभी जेल में हैं।

यह घोटाला 2020 से 2022 के बीच हुई भर्ती प्रक्रियाओं से जुड़ा है। आरोप है कि पीएससी की परीक्षा और इंटरव्यू में पारदर्शिता की जगह राजनीतिक और प्रशासनिक रसूख वालों को फायदा पहुंचाया गया। योग्य उम्मीदवारों की अनदेखी कर ऊंचे पदों पर अपनों को बिठाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने जांच सीबीआई को सौंपी थी। एजेंसी ने छापेमारी में कई दस्तावेज और अहम साक्ष्य बरामद किए हैं।