चैतन्य बघेल को हाईकोर्ट से झटका ईडी जांच पर रोक से इनकार

चैतन्य बघेल ने ईडी की जांच और गिरफ्तारी को नियमों के खिलाफ बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की थी

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  • Publish Date - October 18, 2025 / 02:46 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ( Chaitanya Baghel) को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शराब घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच और गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताते हुए उन्होंने याचिका दायर की थी। इस याचिका को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया।

चैतन्य बघेल ने ईडी की जांच और गिरफ्तारी को नियमों के खिलाफ बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की थी। इस मामले में जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने 24 सितंबर को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। अब कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि ईडी की कार्रवाई कानून के अनुसार हुई है और इसमें हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।

ईडी की ओर से इस मामले में एडवोकेट सौरभ पांडेय ने पैरवी की। एजेंसी के अनुसार शराब घोटाले की रकम से चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपए मिले। यह रकम रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में निवेश की गई थी और इस घोटाले में करीब 1000 करोड़ रुपए की हेराफेरी हुई है।

ईडी की जांच में सामने आया कि चैतन्य बघेल के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट में घोटाले के पैसे इन्वेस्ट किए गए। प्रोजेक्ट के कंसल्टेंट राजेन्द्र जैन के मुताबिक असली खर्च 13 से 15 करोड़ रुपए था जबकि रिकॉर्ड में सिर्फ 7.14 करोड़ रुपए दिखाए गए। जांच में डिजिटल डिवाइसेस से पता चला कि कंपनी ने एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ रुपए कैश में भुगतान किया जो रिकॉर्ड में दर्ज नहीं था।