छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल की संख्या 14 होने पर हाईकोर्ट में याचिका, अगली सुनवाई 2 सितंबर को

कोर्ट ने राज्य सरकार से अगली सुनवाई तक जवाब मांगा है। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता यह बताएं कि उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में क्या कार्य किए हैं।

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  • Publish Date - August 29, 2025 / 03:52 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्रियों की संख्या 14 हो जाने को लेकर हाईकोर्ट (high court) में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई, और अब अगली सुनवाई की तारीख मंगलवार, 2 सितंबर तय की गई है।

क्या है मामला?

दरअसल, 20 अगस्त को छत्तीसगढ़ कैबिनेट का विस्तार हुआ, जिसमें तीन नए मंत्रियों ने शपथ ली। इसके बाद मंत्रियों की संख्या 11 से बढ़कर 14 हो गई। लेकिन संविधान के मुताबिक किसी राज्य में मंत्रीमंडल के सदस्यों की संख्या विधानसभा सीटों की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं होनी चाहिए।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं, ऐसे में अधिकतम मंत्री संख्या 13.5 यानी अधिकतम 13 मंत्री हो सकते हैं। वर्तमान में मंत्रियों की संख्या 14 है, जो इस सीमा से ज्यादा है। इसी को आधार बनाकर इसे असंवैधानिक बताया गया है और हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है।

याचिका और कोर्ट की प्रतिक्रिया

याचिकाकर्ता ने इस मुद्दे को जनहित याचिका के रूप में पेश किया है और सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच के एक पुराने फैसले का हवाला दिया है। इस पर मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई।

कोर्ट ने राज्य सरकार से अगली सुनवाई तक जवाब मांगा है। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता यह बताएं कि उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में क्या कार्य किए हैं।

सियासी हलचल

इस मामले के सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि क्या मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को अपनी कैबिनेट से किसी एक मंत्री को हटाना पड़ेगा ताकि संवैधानिक सीमा का पालन हो सके।