रायपुर, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश फार्मूले पर अमल किया है और यही कारण है कि केंद्रीय मंत्री सहित चार सांसदों को मैदान में उतारा है। इसके साथ ही भाजपा ने कांग्रेस के ओबीसी दांव का भी जवाब देने की कोशिश की है।
राज्य में विधानसभा के चुनाव दो चरणों में होना है, यहां सात और 17 नवंबर को मतदान तय है और नतीजा तीन दिसंबर को आएंगे। राज्य की 90 में से 85 सीटों के लिए भाजपा के उम्मीदवार तय हो चुके हैं। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और गोमती साय अलावा सांसद विजय बघेल को उम्मीदवार बनाया है।
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राजनांदगांव से उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने छत्तीसगढ़ में मध्य प्रदेश फार्मूले पर अमल किया है। वहां तीन केंद्रीय मंत्री सहित कुल सात सांसदों को पार्टी ने मैदान में उतारा है।
पार्टी की रणनीति का हिस्सा है कि कई बडे़ चेहरों को एक साथ मैदान में उतरने से मुख्यमंत्री के एक नाम पर चर्चा नहीं होती, बल्कि इलाकी तौर पर लोगों में यह भावना जागती है कि हमारे क्षेत्र का बड़ा नेता भी मुख्यमंत्री बन सकता है।
भाजपा ने अपनी पूर्ववर्ती सरकार के 15 पूर्व मंत्रियों को भी मैदान में उतारा है, साथ ही जातीय समीकरण के मददेनजर कांग्रेस के ओबीसी कार्ड को कमजोर करने के लिए 29 ओबीसी उम्मीदवारों पर भी दांव लगाया गया है।
राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के लिए चुनाव आसान नहीं है, इसीलिए उम्मीदवार चयन में बड़ी सर्तकता बरती गई है। पार्टी अपने प्रभावशाली और ताकतवर नेताओं को मैदान में उतारकर कांग्रेस के समीकरण को गड़बड़ाना चाहती है। यही कारण है कि पार्टी ने केंद्रीय मंत्री से लेकर सांसदों तक पर दांव लगाया है। ऐसा करने से पार्टी को लाभ भी हो सकता है।