रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव (BJP State General Secretary Sanjay Srivastava) ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खात्मे (End of naxalism) के अपने संकल्प को पूरा करने की दिशा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश की भाजपा सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। श्री श्रीवास्तव ने एक दिन पूर्व ही नारायणपुर, दंतेवाड़ा और कोण्डागाँव के सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ हुई बड़ी कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार प्रदेश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करके ही दम साधेगी और बस्तर समेत समूचे छत्तीसगढ़ को शांति और विकास की मुख्य धारा से जोड़कर एक नया इतिहास रचेगी।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार नक्सलवाद की कमर लगातार तोड़ रही है। नक्सलवाद के खिलाफ प्रदेश में अब निर्णायक लड़ाई चल रही है और कांग्रेस में इससे काफी घबराहट, निराशा और हताशा व्याप्त है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि अबूझमाड़ के मुंगेड़ी, गोबल क्षेत्र में शुक्रवार को नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बल के जवानों ने शौर्य का प्रदर्शन करते हुए 7 वर्दीधारी नक्सलियों को मार गिराया है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले विधानसभा और हाल ही हुए लोकसभा चुनाव में प्रदेश की जनता के समक्ष यह संकल्प व्यक्त किया था कि भाजपा-राजग की सरकार छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त प्रदेश बनाकर रहेगी। प्रदेश में डबल इंजन की भाजपा सरकार के सत्ता सम्हालते ही नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करके प्रदेश सरकार अपने संकल्प को पूरा कर रही है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन में नक्सलियों के खिलाफ इस वर्ष की यह सातवीं बड़ी सफलता है। इसी वर्ष 27 मार्च को बीजापुक के चिपुरभट्टी में 6 नक्सली, 2 अप्रैल को गंगालूर (बीजापुर) में 13 नक्सली, 16 अप्रैल को अबूझमाड़ के छोटेबेठिया में 29 नक्सली, 30 अप्रैल को अबूझमाड़ के ही टेकमेटा में 10 नक्सली, 10 मई को बीजापुर के पीड़िया में 12 नक्सली, 23 मई को अबूझमाड़ के रेकावाही में 8 नक्सली और 7 जून को अबूझमाड़ के मुंगेड़ी में 5 नक्सलियों को मार गिराया गया है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्रीवास्तव ने ने कहा कि सैकड़ों नक्सलियों के आत्म-समर्पण और सैकड़ों ही नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद भी प्रदेश सरकार ने नक्सलियों से बातचीत का रास्ता खुला रखा है। प्रदेस सरकार ने नक्सल-समस्या पर अपना रुख साफ रखा है कि नक्सली या तो बोली की भाषा में समझकर मुख्यधारा में लौटें अन्यथा फिर गोली की भाषा में भी उन्हें समझा दिया जाएगा।