छत्तीसगढ़। (Excise Minister Kawasi Lakhma) आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बयान से एक फिर सियासत का पारा बढ़ गया है। उन्होंने कहा, आदिवासी हिंदू नहीं (tribal not hindu) हैं। हम आदिकाल से इस धरती पर रह रहे लोग हैं। हमारे पूजा-पाठ और विवाह का तरीका हिंदुओं से अलग है।
मंत्री कवासी लखमा ने यह भी कहा, आदिवासी को वनवासी कहा जाना गलत है। अगर कोई वनवासी बोलता है तो उसे गांव में न घुसने दें। इसके बाद आज बीजेपी के पूर्व मंत्री केदार कश्यप और भाजपा नेताओं ने उनके बयान की कड़ी आलोचना की है।
रायपुर सर्किट हाउस में प्रेस से बात करते हुए आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, हम लोग आदिकाल से रहने वाले लोग हैं। हम लोग जंगल में रहते हैं। पूजा-पाठ करते हैं। हिंदू अलग करता है, हम अलग करते हैं। आदिवासी अगर शादी करता है तो गांव के पुजारी से पानी डलवाते हैं।
हम किसी पंडित से पूजा नहीं कराते हैं। इसलिए हम लोग हिंदू से अलग हैं। हम जंगल में रहने वाले आदिवासी हैं। बिरसा मुंडा हो, वीर नारायण सिंह हों चाहे हमारे गुंडाधुर हों इस लड़ाई में भी ये लोग अलग रखे हैं। आबकारी मंत्री एक दिन पहले कांकेर जिले में दिये गये ऐसे ही भाषण को लेकर पूछे सवालों का जवाब दे रहे थे।
सभा में कवासी लखमा ने कहा, ये भाजपा, ये झोला छाप डॉक्टर रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल हम लोगों को बोलता है वनवासी। इनको मुंहतोड़ जवाब देना है। हम लोग वनवासी नहीं हैं, हम यहां के भगवान हैं। जहां आदिवासी होता है वहीं भगवान पैदा होता है। हम इस धरती के बच्चे हैं। हम बस्तर के लोग हैं। आज से कोई वनवासी नहीं बोलेगा। मैं आदिवासी भाइयों को कहना चाहता हूं कि जो वनवासी बोलेगा उसको गांव में घुसने मत देना।
बीजेपी ने अपने अपने ट्विटर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा को लेकर लिखा, इसाई मिशनरियों की भाषा बोल रहे हैं ये मंत्री जी। धर्मांतरण पर मौन और सनातनी आदिवासी संस्कृति के विरूद्ध ज़हरीले बोल, यही है कांग्रेस का चरित्र। क्या @bhupeshbaghel अपने इस बड़बोले मंत्री की बातों का समर्थन करते हैं?।
बीजेपी नेता रेणुका सिंह ने कहा कि कवासी लखमा के बयान पर ट्विटर पर लिखा, मैं आदिवासी हूं, मैं सनातनी हूं, मैं प्रभु श्रीराम की उपासक हूं, दशहरा पर्व को उत्साह से मनाने वाली आदिवासी संस्कृति का हिस्सा हूं। लेकिन मिशनरियों से साँठगाँठ करने वाले भीतरघाती इंसान ये नहीं समझेंगे।
पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने भी लखमा के बयान की निंदा की।
बस्तर समेत पूरे भारत के आदिवासी हजारों सालों से सनातन देवी देवताओं की पूजा करते आ रहे हैं।
अगर @Kawasilakhma में क्षमता है तो आदिवासियों के अवैध ईसाईकरण के खिलाफ बोलकर दिखाएं?
– श्री @KedarKashyapBJP जी , प्रदेश महामंत्री, भाजपा छत्तीसगढ़ pic.twitter.com/XGot5WwMcv
— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) February 5, 2023