बीवी ने पति को कहा ‘पालतू चूहा’, माता-पिता से दूर रहने का दबाव डाला, HC ने माना क्रूरता

By : dineshakula, Last Updated : September 26, 2025 | 1:30 pm

बिलासपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक पत्नी द्वारा पति को ‘पालतू चूहा’ (pet rat) कहने और अपने माता-पिता से अलग रहने का दबाव डालने को विवाह में ‘क्रूरता’ मानते हुए फैमिली कोर्ट द्वारा दिए गए तलाक के आदेश को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने पत्नी की अपील को खारिज कर दिया है और तलाक को सही ठहराया है।

यह मामला बिलासपुर का है, जहां एक पति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी लगातार उसे अपने माता-पिता से अलग होकर रहने के लिए मजबूर करती थी और जब उसने ऐसा करने से इनकार किया, तो पत्नी ने उसे अपशब्द कहे, ‘पालतू चूहा’ बुलाया और शारीरिक रूप से भी हमला किया। दोनों की शादी 2009 में हुई थी और 2010 में उनका एक बेटा हुआ था। पति का कहना है कि उसकी पत्नी 24 अगस्त 2010 को तीज त्योहार के लिए मायके गई और फिर कभी नहीं लौटी।

पति ने यह भी कहा कि बेटे के जन्म से जुड़ी किसी भी रस्म में उसे शामिल नहीं किया गया और उसे कोई जानकारी तक नहीं दी गई। वहीं पत्नी ने इन सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि ससुराल वालों ने कभी उसे परिवार का हिस्सा नहीं माना, पति शराब पीकर गाली देता था, भावनात्मक और आर्थिक रूप से उसे नजरअंदाज करता था, और जब वह रिश्ते सुधारने की कोशिश करती, तो वह दूरी बनाता रहा।

मामले की सुनवाई दो जजों की बेंच — जस्टिस राजनी दुबे और अमितेन्द्र किशोर प्रसाद — ने की और पाया कि पत्नी का व्यवहार विवाह के मूल स्वभाव के खिलाफ था। कोर्ट ने माना कि पति को माता-पिता से अलग होने के लिए मजबूर करना और अपमानजनक शब्दों का उपयोग करना ‘क्रूरता’ की श्रेणी में आता है। इसलिए फैमिली कोर्ट द्वारा 23 अगस्त 2019 को दिया गया तलाक का आदेश सही है।

हालांकि, कोर्ट ने पति को आदेश दिया कि वह पत्नी को 5 लाख रुपये की स्थायी गुज़ारा भत्ता (permanent alimony) 6 महीने के भीतर अदा करे। इसके अलावा हर महीने पत्नी को 1,000 रुपये और बेटे के लिए 6,000 रुपये का मासिक भत्ता देना होगा। कोर्ट ने यह भी ध्यान दिया कि पत्नी की मासिक आय 46,941 रुपये है, जबकि पति 35,000 रुपये प्रति माह कमाता है।

यह मामला एक बार फिर से यह स्पष्ट करता है कि विवाह में अपमानजनक व्यवहार और परिवार को तोड़ने का दबाव कानून की नजर में गंभीर मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।