छत्तीसगढ़। विधानसभा के मानसून सत्र (Monsoon Session of the Assembly) के तीसरे दिन आज विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर चर्चा नहीं हो सकी। इसके पीछे विधि मंत्री ने बड़ा कारण बताया।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के आरोप पत्र ही देरी से मिले हैं। जिस वजह से आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकती है। लिहाजा आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी। आसंदी ने चर्चा के लिए कल का समय तय किया है। आज के सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन अनियमित और संविदा कर्मियों के आंदोलन के मुद्दे पर जमकर हंगामा हो गया। भाजपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी की है। साथ ही स्थगन प्रस्ताव लाने की सूचना दी है। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने भूपेश है तो भरोसा है के नारे लगाए। जिसके बाद सदन की कार्यवाही को 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया था।
बाद में कार्यवाही शुरू हुई, बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा- प्रदेश के सारे आंदोलनरत संगठनों ने मुख्यमंत्री की घोषणा को नकार दिया है। 4 लाख कर्मचारी आंदोलन में हैं। सभी वर्गों के भीतर असंतोष है। वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा-सरकार की कथनी और करनी में अंतर है।
इसके पहले प्रश्नकाल के दौरान खाद्यान्न योजना में गड़बड़ी के आरोप में सदन में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था। सत्ता पक्ष के जवाब से असंतुष्ट सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।विपक्ष के आरोपों के बाद खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जवाब में कहा 2022-23 में स्टॉक के सत्यापन के बाद अनियमितता पाए जाने पर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था।
भगत के मुताबिक हाईकोर्ट में 34 याचिकाएं दायर हुईं। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद ही स्टॉक वितरण में अनियमितता की सही मात्रा और दोषी व्यक्तियों की अंतिम संख्या का निर्धारण होगा। मंत्री बोले- डॉक्टर रमन सिंह ने केंद्र को दो चिट्ठी लिखी थी। केंद्र की टीम आई थी। केंद्र की टीम ने कही कोई गड़बड़ी नहीं पाई।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)
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