रायपुर । राजधानी रायपुर में नगरीय निकायों (Municipal bodies in Raipur) में आरक्षण की प्रक्रिया 19 दिसंबर को होगी। राज्य शासन ने जिले के नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया (Reservation Process) की तारीख घोषित कर दी है। आगामी चुनाव के लिए वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया 19 दिसंबर को सुबह 11 बजे से शहीद स्मारक भवन में होगी।
मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के साथ ही तय हो गया है कि 2025 में होने वाले रायपुर नगर निगम चुनाव में 11.18 लाख मतदाता अपनी शहर सरकार चुनेंगे। पिछले निगम चुनाव में 8.96 लाख वोटर्स थे। पांच साल में 2.22 लाख यानी करीब 25 प्रतिशत मतदाता बढ़ गए हैं।
मतदाता सूची जारी होने के साथ ही शहर सरकार का चुनावी महासंग्राम भी शुरू हो गया है। इस बार वोटर्स को ना केवल अपना वार्ड पार्षद चुनने का मौका मिलेगा बल्कि वे शहरी सरकार के सबसे महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधि यानी महापौर का चुनाव भी अपने पसंद से करेंगे।
महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होने के कारण सभी मतदाताओं को अपने वार्ड पार्षद के अलावा एक वोट महापौर के लिए भी डालना होगा। अफसरों की माने तो 20 दिसंबर तक आरक्षण की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। इसके बाद चुनाव की आचार संहिता लागू होगी। गुरुवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन जारी किया।
दावा-आपत्तियों के निराकरण के बाद जारी मतदाता सूची के अनुसार इस बार चुनाव में 11 लाख 18 हजार 636 मतदाता हैं। पिछले चुनाव यानी 2019 में रायपुर निगम में कुल 8 लाख 96 हजार 317 वोटर्स थे। पांच साल में 2 लाख 22 हजार 319 वोटर्स बढ़ गए। यानी वोटर्स की संख्या में 24.80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
परिसीमन के कारण वार्डों के वोटर्स इधर-उधर हुए।
आरक्षण से भी बिगड़ जाएगा वार्डों का समीकरण।
70 वार्डों में प्रत्येक में औसत 3176 मतदाता बढ़े।
टिकट की दावेदारी बढ़ेगी। सामान्य वार्ड में ज्यादा मारामारी।
मिली जानकारी के अनुसार रायपुर निगम के 70 वार्डों में प्रत्येक में औसतन 3176 वोटर्स बढ़े हैं। निर्वाचन से जुड़े जानकारों का कहना है कि हर वार्ड में इतने मतदाता बढ़ने का मतलब है कि प्रत्याशियों को इस बार कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
वार्ड में आमतौर पर प्रत्याशियों को जीतने के लिए ढाई से तीन हजार वोट हासिल करने होते हैं। छोटे वार्ड में 800-900 में भी जीत सुनिश्चित हो जाती है। लेकिन मतदाता संख्या बढ़ने के कारण वोट का मार्जिन भी ज्यादा होगा।