रायपुर/ Raipur Municipal Body Elections छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। मेयर, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए आरक्षण की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। राजधानी रायपुर में इस बार महिला मेयर (Female mayor) बनेगी। यह सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित की गई है। आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद दावेदार अपनी-अपनी दावेदारी पेश करने में जुट गए हैं। हालांकि टिकट किसे मिलेगा उसका फैसला उनकी पार्टी के प्रदेश और शीर्ष नेतृत्व को करना है। मेयर चुनाव की तैयारी को लेकर भाजपा और कांग्रेस रणनीति बनाने में जुट गई है। इस बार रायपुर में महापौर का चुनाव रोमांचक होने वाला है। क्योंकि इसमें कई बड़े नेता अपनी पत्नियों को भी चुनाव लड़ाने के जुगाड़ में लगे हैं। इसके लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के दावेदार शीर्ष नेताओं की परिक्रमा करने में जुटे हैं।
राज्य में इस बार मेयर का चुनाव सीधे जनता करेगी। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मेयर के चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से हुए थे। जिसके बाद एजाज ढेबर रायपुर के मेयर बने थे। विष्णुदेव साय सरकार ने भूपेश बघेल सरकार के उस फैसले को पलट दिया था। इस बार जनता सीधे मेयर चुनाव के लिए वोटिंग करेगी। माना जा रहा है कि राज्य में अब जल्द ही निकाय चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है।
कांग्रेस का कहना है कि नगरीय निकाय के कैंडिडेट पार्टी के लिए नगरीय निकायों में जीत सबसे अहम है, जो भी कैंडिडेट में जीत की सक्षमता और सक्रियता नजर आएगी। निश्चित रूप से पार्टी उन्हें मौक़ा देगी, सबसे अहम फैक्टर जीत है। इसके साथ उन्होंने सर्वे कराने की भी बात कही। वहीं बीजेपी महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि आरक्षण पूरा होते ही नेत्रियों ने दावेदारी की है। हालांकि, सक्रियता के साथ-साथ और भी कई बातों का ध्यान रखा जाएगा।
बीते विधानसभा से लेकर उपचुनाव तक देखा गया कि बीजेपी ने कई नए चेहरों को मौक़ा दिया है। निश्चित ही मजबूत दावेदारों के नाम है, लेकिन बीजेपी चौकाने से पीछे कभी नहीं हटती। वहीं कांग्रेस का इतिहास निकायों में जीत दर्ज करने का रहा है, लेकिन ये स्पष्ट है कि बीते चुनावों में मिले शिकस्त को देखते हुए जीत सुनिश्चित करने कैंडिडेट्स का चयन कांग्रेस बेहद सोच समझ कर करने वाली है, जिसके लिए सर्वे की भी तैयारी है।
मीनल चौबे
निगम में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका सक्रियता से निभायी है. संगठन की राजनीति में सक्रिय हैं. सामान्य महिला में इनकी दावेदारी सबसे मज़बूत मानी जा रही है। छवि तेज तर्रार महिला नेता की है। वह बीजेपी के सभी गुटों को साथ तालमेल बनाकर रखती हैं। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि मीनल चौबे के नाम पर आसानी से सहमति बन सकती है।
शैलेंद्री परगनिहा
संगठन में शैलेंद्री परगनिहा का नाम चर्चे में है. अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सदस्य है. 25 साल से भी अधिक समय से राजनीति में सक्रिय है. संगठन में पार्षद, जि़लाध्यक्ष, महामंत्री जैसे अहम भूमिका में रही है. दावेदारी को लेकर उन्होंने कहा है कि टिकट के लिए मजबूत दावेदारी है, पार्टी ने मौका दिया तो जरूर चुनाव लड़ेंगे और जिसे भी टिकट मिलेगी उनके लिए डटकर काम करेंगे।
वर्णिका शर्मा
संगठन में सक्रिय है. संगठन के मुद्दों को प्रमुखता से रखती आई हैं। पार्टी में वर्णिका शर्मा का नाम भी चर्चा में है। संघ से जुड़ी वर्णिका शर्मा नक्सल विषयों पर मुखर रही हैं। संगठन में इनके नाम की चर्चा है। हालांकि, इन्हें इसकी जानकारी अब तक नहीं है।
शताब्दी पांडेय
संगठन और संघ से जुड़ी हुई है. छात्र राजनीति से सक्रिय है, कई अहम भूमिका में रही है. शताब्दी पांडेय का भी नाम सुर्खय़िों में है, बातचीत में उन्होंने महापौर के टिकट की स्वाभाविक दावेदारी पेश की है और कहा है कि संघ और संगठन जो जि़म्मेदारी देगी उसे निभायेंगे.
प्रभा दुबे
संगठन की राजनीति में सक्रिय है. प्रभा दुबे को पार्टी ने किरणमई नायक के मुकाबले महापौर प्रत्याशी बनाया था, उनको हार का सामना करना पड़ा था. सक्रिय चेहरों और चर्चे में इनका नाम भी शामिल है।
सीमा संतोष साहू
दो बार पार्षद के तौर पर चुनी गई है और भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष भी हैं। ओबीसी वर्ग से आती हैं। महापौर की टिकट के लिए दावेदारी भी कर रही है।
सरिता दुबे
ब्राह्मण पारा से पार्षद है। निगम की राजनीति में सक्रिय है. अपने वार्ड के मुद्दों सभा से सड़क तक उठाती रही है। निगम की राजनीति में मीनल चौबे के बाद सरिता दूबे का नाम रेस में आगे है।
वंदना राजपूत
संगठन राजनीति में सक्रिय रही है. पार्टी के पक्ष को मज़बूती के साथ रखा है. राजधानी की महिला मोर्चा में उनका चेहरा सबसे सक्रिय रहा है। उन्होंने महापौर पद के लिए दावेदारी भी की है। कहा है कि दावेदारी है, पार्टी के निर्णय लेगी वो मंज़ूर होगा।
प्रीति उपाध्याय
संगठन में सक्रिय रही है, दावेदारी की है. प्रीति कुणाल शुक्ला. प्रबल दावेदारी है, ख़ुशी है कि राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पार्टी ने जिम्मेदारिया दी है और सक्षम समझा है। शुरू से पार्टी के लिए काम करते आये है, पूरी उम्मीद है पार्टी टिकट हमें ही देगी।
दीप्ति दुबे
पूर्व महापौर प्रमोद दुबे की पत्नी है और प्रमोद दुबे के साथ राजनीति में सक्रिय भी रही हैं। प्रमोद दुबे द्वारा उनकी पत्नी की दावेदारी बेहद अहम मानी जा रही है।
किरणमयी नायक
किरणमयी नायक वर्तमान में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हैं. रायपुर नगर निगम की महापौर भी रही हैं. उनका नाम भी महापौर के चेहरे में मज़बूत नजऱ आ रहा है। महिला आयोग में उनका कार्यकाल 2026 तक है. यदि पार्टी उन्हें मौक़ा देती है तो उन्हें महिला आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर मैदान में उतर सकती है।
प्रगति बाजपेयी
2015 से संगठन में सक्रिय रही है, महिला कांग्रेस में प्रदेश सचिव और महासचिव के पद पर रही है इसके साथ ही विभिन्न राज्यों में प्रभारी की भी जि़म्मेदारी पार्टी ने दी है.कांग्रेस से मजबूत दावेदार है।