Chhattisgarh : बीएड डिग्री धारकों को नहीं मिली राहत! पढ़ें, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

By : hashtagu, Last Updated : July 17, 2024 | 2:47 pm

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में सहायक शिक्षक के पदों पर बी.एड डिग्री धारकों की नियुक्ति रद्द (Appointment of B.Ed degree holders canceled) कर नई सूची जारी करने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सही ठहराते हुए राज्य सरकार को उसी आदेश के तहत कार्रवाई करने को कहा है।

डीएलएड उम्मीदवारों ने लगाई थी उभिका हाईकोर्ट में डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) डिग्री धारक युवराज सिंह, विकास सिंह आदि ने एक याचिका लगाई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि राज्य के स्कूलों 6500 सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए 4 मई 2023 को विज्ञापन निकाला गया था। इसमें डीएलएड डिग्री धारकों के अलावा बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) डिग्री धारकों को मौका देकर चयन सूची जारी की गई है, जो अवैधानिक है।

  • डीएलएड पाठ्यक्रम में प्राथमिक शालाओं के बच्चों को पढ़ाने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, जो बीएड डिग्री पर नहीं मिलता। स्कूल शिक्षा विभाग ने नियमों में संशोधन कर उन्हें इस बार परीक्षा में बैठने की अनुमति दी और उनका चयन भी हो गया, जिससे डीएलएड की पात्रता रखने वाले अभ्यर्थियों को कम अवसर मिला।

डीएलएड उम्मीदवारों के पक्ष में आया फैसला सभी पक्षों की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच ने डीएलएड अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला देते हुए शासन को निर्देश दिया था कि बी. एड अभ्यर्थियों का चयन रद्द कर नई सूची 6 सप्ताह के भीतर जारी करे। हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने पर याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में राज्य शासन के खिलाफ अपील की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा लेने वाले बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता। जिन अभ्यर्थियों ने इसके लिए प्रशिक्षण नहीं लिया है, उन्हें मौका नहीं दिया जा सकता। राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि वह हाईकोर्ट के आदेश का पालन करे।

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