बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि किसी महिला का हाथ पकड़कर उसे अपनी ओर खींचना और आई लव यू कहना उसकी मर्यादा भंग करना है।
यह मामला साल 2019 का है। एक युवक ने स्कूल से लौट रही लड़की का हाथ पकड़ा था। उसने उसे अपनी ओर खींचा और आई लव यू कहा। इसके बाद परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई थी।
ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को आईपीसी की धारा 354 और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी माना था। उसे तीन साल की सजा सुनाई गई थी।
हाईकोर्ट ने मामले की दोबारा सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि आरोपी का व्यवहार आपत्तिजनक था। यह महिला की गरिमा के खिलाफ है। इसलिए आईपीसी की धारा 354 के तहत सजा सही है।
हालांकि कोर्ट ने पॉक्सो एक्ट की सजा रद्द कर दी। कोर्ट ने कहा कि यह साबित नहीं हो सका कि घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी।
हाईकोर्ट ने आरोपी की सजा को तीन साल से घटाकर एक साल कर दिया। आरोपी को शेष सजा काटने के आदेश दिए गए हैं।
कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि बिना सहमति किसी महिला के साथ ऐसा व्यवहार कानूनन अपराध है। यह फैसला महिला सम्मान और सुरक्षा के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
