रायपुर। (Chhattisgarh National Education Policy) राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के अपने पहले ही वर्ष में फेल (Failed in the first year itself) हो गई है। स्थिति यह बनी कि इसे लागू करने के दस माह बाद ही नया नियम बनाकर प्रावधान बदलना पड़ गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया था कि जनवरी से जून तक संचालित होने वाली सेमेस्टर कक्षाओं दौरान विद्यार्थियों के लिए 15 दिनों का इंटर्नशिप अनिवार्य होगा। इसके लिए 100 अंक भी निर्धारित किए गए थे। इन अंकों की गिनती अंतिम परीक्षा परिणामों में की जानी थी। बीए, बीकॉम, बीएससी सहित सभी संकाय के छात्रों को अपने विषय की प्रवृत्ति के अनुसार कंपनी का चयन का इंटर्नशिप करना था।
निजी महाविद्यालय संघ के सचिव डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने बताया कि, बड़े महाविद्यालयों में बीए, बीकॉम, बीएससी में 200 से अधिक विद्यार्थी होते हैं। इतनी बड़ी संख्या में कंपनियों में इंटर्नशिप की व्यवस्था कर पाना संभव ही नहीं है। यह नियम व्यवहारिक नहीं है।
इंटर्नशिप नहीं किए जाने के स्थान पर छात्रों को प्रदान किए जाने वाले अंकों का निर्धारण प्रशिक्षण से किया जाएगा। पं. रविशंकर शुक्ल विवि द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि यदि महाविद्यालय अपने छात्रों के लिए इंटर्नशिप का आयोजन नहीं कर सकते हैं तो उन्हें इसके समतुल्यतायुक्त प्रशिक्षण का आयोजन करना होगा। इंटर्नशिप के लिए आधारित अंकों का निर्धारण अब प्रशिक्षण के आधार पर होगा। वहीं विवि अध्ययनशाला को इस नियम से बाहर रखा गया है। यूटीडी अध्ययनशाला में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए कंपनी या संबंधित क्षेत्र में जाकर इंटर्नशिप करना अनिवार्य है। उनके अंकों का निर्धारण पूर्व में बनाए गए नियमों के अनुसार इंटर्नशिप के आधार पर ही होगा।
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