रायपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला (liquor scam) मामले में शामिल 28 आबकारी अधिकारी रायपुर स्थित आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की अदालत में पेश हुए। ये सभी अधिकारी सुप्रीम कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के आदेश के बाद कोर्ट में हाजिर हुए। कोर्ट ने 1-1 लाख रुपये के जमानत मुचलके पर सभी को जमानत दे दी।
EOW की जांच में सामने आया है कि ये अधिकारी शराब घोटाले के सिंडिकेट का हिस्सा थे और इन्होंने 88 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध कमाई की। राज्य सरकार ने इन्हें पहले ही सस्पेंड कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त के अंतिम सप्ताह में इन्हें अग्रिम जमानत दी थी।
वहीं, कोयला घोटाले में EOW ने सौम्या चौरसिया की लगभग 8 करोड़ रुपये की 16 अचल संपत्तियों को जब्त किया है। जांच में सामने आया है कि सौम्या ने अपने रिश्तेदारों सौरभ मोदी, अनुराग चौरसिया और अन्य के नाम पर कुल 47 करोड़ रुपये की 45 प्रॉपर्टी खरीदी थी। इससे पहले ED ने 39 करोड़ की 29 संपत्तियां जब्त की थीं।
EOW के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में करीब 3200 करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ। इसमें 28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिनमें से 7 रिटायर हो चुके हैं और बाकी 21 को सस्पेंड किया गया है। आरोप है कि इन्होंने 2019 से 2023 के बीच करीब 80 करोड़ की अवैध वसूली की।
इस घोटाले को ‘बी-पार्ट शराब’ स्कीम के तहत अंजाम दिया गया। इसमें देसी शराब को अवैध तरीके से वैध शराब के साथ बेचा जाता था। बस्तर और सरगुजा को छोड़कर राज्य के 15 बड़े जिलों में यह काम चला। इस नेटवर्क में डिस्टलरी, ट्रांसपोर्टर, सेल्समैन, सुपरवाइजर और आबकारी अधिकारी शामिल थे।