स्कूलों के लिए पाठ्यपुस्तक लेखन उन्मुखीकरण कार्यशाला प्रारंभ
मुख्यमंत्री की पहल पर नई शिक्षा नीति के अनुरूप स्कूली पाठ्यक्रम में किया जा रहा है बदलाव
छत्तीसगढ़ पहला राज्य जो राष्ट्रीय पाठ्यचर्या के अनुसार राज्य के लिए तैयार कर रहा है पाठ्यपुस्तक
एनसीईआरटी और एससीईआरटी के विशेषज्ञ पाठ्य पुस्तक लेखन का दे रहे प्रशिक्षण
रायपुर/मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ के स्कूलों में नई शिक्षा नीति (New education policy in schools of Chhattisgarh) के अनुरूप पाठ्यपुस्तकों में आवश्यक बदलाव लाने के लिए राज्य स्तरीय पाठ्य पुस्तक लेखन उन्मुखीकरण कार्यशाला (State Level Text Book Writing Orientation Workshop) आयोजित की जा रही है। कार्यशाला में अगले वर्ष से राज्य की कक्षा पहली से तीसरी और छठवीं की पाठ्य पुस्तकें बदलने की योजना है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा स्थानीय न्यू सर्किट हाउस में दो दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ हुई।
एनसीईआरटी नई दिल्ली की पाठ्यचर्या के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रंजना अरोरा ने वर्चुअल संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए एनसीईआरटी के साथ मिलकर राज्य के स्कूलों के लिए पाठ्यपुस्तक निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ की है। एनसीईआरटी व एससीईआरटी आपसी समन्वय से बहुत बड़ा और अच्छा कार्य करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम को बनाते समय एससीईआरटी के विशेषज्ञ राज्य के स्थानीय भाषा और विशेषताओं को शामिल करेंगे।
आरआईई अजमेर की प्राध्यापक डॉ. के. वी. श्रीदेवी, एनसीईआरटी नई दिल्ली की भाषा शिक्षा विभाग की प्रोफेसर कीर्ति कपूर एवं डॉ. नीलकंठ कुमार, कला और सौंदर्य विभाग की प्राध्यापक डॉ. शर्बरी बनर्जी ने विभिन्न सत्रों में अपने विचार व्यक्त करते हुए आवश्यक सुझाव दिए। एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक जे.पी. रथ अपने स्वागत उद्बोधन में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक ऐतिहासिक परिचय देते हुए अपनी बात रखी। कार्यशाला में एनसीईआरटी एवं एससीईआरटी के विषय विशेषज्ञ सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए शिक्षाविद् शामिल थे।
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