छत्तीसगढ़ को केंद्र से मिली 195 करोड़ रुपये की सहायता, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में होगा ग्रामीण संपर्क सुदृढ़
By : dineshakula, Last Updated : August 8, 2025 | 12:39 pm
रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित (naxal infested) और दुर्गम इलाकों में ग्रामीण संपर्क और आधारभूत संरचना के विकास को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत सरकार ने “RCPLWEA (Road Connectivity Project for Left Wing Extremism Affected Areas)” के अंतर्गत राज्य को वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए ₹195 करोड़ की केंद्रीय सहायता राशि स्वीकृत की है।
सीएम ने जताया आभार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह राशि राज्य के सुदूर अंचलों में नक्सल हिंसा और भौगोलिक कठिनाइयों से जूझ रहे क्षेत्रों के विकास के लिए एक नई उम्मीद लेकर आएगी। उन्होंने कहा, “यह राशि वहां के लोगों के लिए विकास, विश्वास और स्थायी शांति की मजबूत नींव बनेगी। हमारी सरकार इस निधि का उपयोग पूरी पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ करेगी।”
यह सहायता वित्त मंत्रालय की “जस्ट-इन-टाइम” फंड रिलीज़ प्रणाली के तहत सिंगल नोडल एजेंसी स्पर्श मॉडल के माध्यम से दी गई है। यह राशि PFMS (Public Financial Management System) पर अपलोड की गई है।
नक्सल प्रभावित जिलों में होगी सड़क निर्माण
कुल ₹195 करोड़ में से ₹190.6125 करोड़ कार्यक्रम निधि और ₹4.3875 करोड़ प्रशासनिक निधि के रूप में स्वीकृत किए गए हैं। यह निधि विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों जैसे दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर, बस्तर, राजनांदगांव, बलरामपुर, कोंडागांव और जशपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण, मौजूदा मार्गों के सुदृढ़ीकरण, सेतु निर्माण और क्रॉस-ड्रेनेज संरचनाओं के विकास के लिए उपयोग की जाएगी।
इन सड़क संरचनाओं के माध्यम से बस्तियों को ब्लॉक और जिला मुख्यालयों, बाजारों, विद्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों से जोड़ा जाएगा, जिससे शासन की पहुंच और सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा। विशेष रूप से बाढ़ग्रस्त और वर्षा ऋतु में अवरुद्ध हो जाने वाले क्षेत्रों में यह सड़क संपर्क जीवनरेखा का काम करेगा।
प्रशासनिक निधि का उपयोग
₹4.3875 करोड़ की प्रशासनिक निधि का उपयोग मॉनिटरिंग एवं मूल्यांकन (M&E), तकनीकी सहायता, क्षमता निर्माण, और डेटा प्रबंधन के लिए किया जाएगा।
पिछले बैचों के अंतर्गत समायोजन
यह राशि पूर्व स्वीकृत परियोजनाओं के अंतर्गत समायोजित की गई है। बैच-I (2019-20) के तहत ₹56.82 करोड़ और बैच-I (2022-23) के तहत ₹133.79 करोड़ समायोजित किए गए हैं। इसके बाद बैच-I (2022-23) के लिए ₹217.39 करोड़ की राशि आगामी रिलीज़ हेतु शेष रहेगी।
राज्य सरकार को निर्देश
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि निधियों का उपयोग योजना दिशा-निर्देशों के अनुसार त्वरित और प्रभावी रूप से सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया है कि योजना पूरी होने के बाद सभी सिंगल नोडल एजेंसी खातों को बंद कर अनियंत्रित केंद्रीय अंश को भारत की समेकित निधि (CFI) में वापस करना आवश्यक होगा।




