छत्तीसगढ़ी बोली ‘सिखाएगा’ एप!, अमेरिका के NRI का कमाल

By : hashtagu, Last Updated : June 11, 2023 | 7:25 pm

रायपुर। अमेरिका के एनआरआई ने कमाल ही कर दिया, अब इनके ईजाद एप के जरिए से छत्तीसगढ़ी भाषा बोलना (Speaking Chhattisgarhi Language) आसान हो जाएगी। छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति से युवाओं को जोड़ने के लिए छत्तीसकोश ऐप (Chatishkosh app) के जरिए एक नई कोशिश की गई है । एक ऐसा ऐप तैयार किया गया है, जिसमें अंग्रेजी या आम बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल किए जाने वाले 25000 शब्दों का छत्तीसगढ़ी अनुवाद मिलेगा। जैसे हाय-हेलो के बदले छत्तीसगढ़ी में जोहार कहा जा सकता है.. इसकी जानकारी इस ऐप में मौजूद है। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ी गाने, किताबें भी इस ऐप में पढ़ी जा सकती हैं । इसे तैयार किया है अमेरिका में रहने वाले छत्तीसगढ़ के NRI समूह नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ी एसोसिएशन (नाचा) ने। शनिवार शाम इस ऐप को लॉन्च किया गया।

कार्यक्रम में बतौर अतिथी शिक्षा और साहित्य क्षेत्र की कई हस्तियां शामिल हुईं। कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ी महतारी की पूजा अर्चना से हुई। मुख्य अतिथि नाचा की फाउंडर दीपाली सरोगी ने ऐप के बारे में बताया। संगठन के कोषाध्यक्ष नितिन विश्वकर्मा,अभिजीत जोशी,दिलीप तिवारी ने अतिथियों का सम्मान किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ी फिल्म मेकर सतीश जैन को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, सुधीर शर्मा को ग्लोबल छत्तीसगढ़ी साहित्य रत्न अवॉर्ड 2023 से नवाजा गया।

कैसे काम करता है छत्तीसकोश ऐप

नाचा के कार्यकारी अध्यक्ष गणेश कर ने बताया कि इस एप को गूगल प्ले स्टोर और एप्पल के आई स्टोर से डाऊनलोड करके उपयोग में लाया जा सकता है। इस ऐप को छत्तीसगढ़ी अमेरिकन कंपनी लॉजिक वाइड सर्विस ने तैयार किया है। छत्तीसगढ़ के युवा टेक एक्सपर्ट की मदद से इसे बनाया गया है।

इसमें प्रदेश के साहित्यकारों और छत्तीसगढ़ी भाषा के एक्सपर्ट की मदद लेकर शब्द उपलब्ध कराए गए हैं। ऐप को डाउनलोड करने के बाद जब इसमें अंग्रेजी के शब्दों को टाइप किया जाता है तो उनकी जगह छत्तीसगढ़ी में इस्तेमाल होने शब्द ऐप बता देता है। अभी तक गूगल या इंटरनेट में छत्तीसगढ़ी का अंग्रेजी में अनुवाद करने की सुविधा नहीं थी। मोबाइल ऐप में छत्तीसगढ़ी भाषा के ट्यूटोरियल वीडियो भी अपलोड किए गए हैं।

ऐसे आया आईडिया

नाचा के कार्यकारी अध्यक्ष गणेश कर ने बताया कि बीते 2 सालों से इस एप पर छत्तीसगढ़ की बोली भाषा पर हम रिसर्च कर रहे थे। अमेरिका में रहने के दौरान अक्सर छत्तीसगढ़ी बोली की कमी सी महसूस होती रही। चूंकि ये डिजिटल युग है तो हमने ये सोचा कि क्यों न आने वाली पीढ़ी को डिजिटल डॉक्यूमेंट एक ऐप के रूप में छत्तीसगढ़ी भाषा का ज्ञान हम दे पाएं। इसी मकसद से इसपर हमने काम शुरू किया।

इन साहित्यकारों का हुआ सम्मान

साहित्य से जुड़ी रचनाओं को भी इस ऐप में शामिल किया गया है। ऐप को तैयार करने में सहयोग देने वाले एक्सपर्ट्स और साहित्यकाराें को लॉन्च कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। इनमें सरला शर्मा, रामनाथ साहू, सुशील भोले, गीता त्रिपाठी, तुलसी तिवारी,दीपाली ठाकुर,परदेसी राम वर्मा, शोभामोहन श्रीवास्तव,मोहन श्रीवास्तव,अरुण कुमार निगम, सविता पाठक,अमिता रवि दूबे, सुमित्रा कमाडिया,आशा देशमुख,अनिल भतपहरी,आशीष सिंह,शिव कुमार पांडेय,रुद्रनारायण पाणिग्राही,गीतेश अमरोहित शामिल थे।

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