CM Baghel: ऐसा कौन सा भूपेश का फंडा, जिसका बजा हिमाचल में डंका, जानें, कैसे बने जीत के सूत्रधार

जब विपरीत परिस्थितियों में घिरे होने पर ये सच है मुख्यमंत्री (Chief Minister) भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) बड़े ही शांत मन और धैर्य के साथ विरोधियों से कदम आगे रखते हैं।

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  • Updated On - December 9, 2022 / 04:51 PM IST

रायपुर। रायपुर। विपरीत परिस्थितियों में घिरे होने पर ये सच है मुख्यमंत्री (Chief Minister) भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) बड़े ही शांत मन और धैर्य के साथ विरोधियों से दो कदम आगे रखते हैं। यही कारण भी है की छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सरकार बनाने से लेकर यहां हुए सभी उपचुनावों में विरोधी पार्टी बीजेपी को चारो खाने चित्त करते चले आ रहे हैं। यानी हर चुनावी दंगल में राजनीतिक पहलवानों को पटखनी देने में इन्हें महारत हासिल है। ये अपनी सूझबूझ की बलबूते चुनावी शतरंज में अब महारथी साबित हो चुके हैं।

क्योंकि इन्होंने अपने छत्तीसगढ़ की 10 चुनावी गारंटी योजनाओं को घोषणा पत्र में शामिल किया था। जिसके उन्होंने यहां कांग्रेस की सरकार बनाई। इसके बाद इनकी छवि एक कुशल रणनीतिकार के रूप में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व में बनी। इसके कांग्रेस अभी तक हुए सभी विधाननभा में किसी न किसी बड़ी भूमिका शीर्ष नेतृत्व ने दी। जिसे पर सौ फीसदी खरे साबित हो चुके हैं।
भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में जिस तर्ज पर यहां सरकार बनाई थी। उसी तर्ज पर हिमाचल प्रदेश के चुनाव में भी छत्तीसगढ़ माडल को लांच किया। नतीजा इनके इस फंडे का डंका आज पूरे देश में बजता दिखाई दे रहा है। क्योंकि हिमाचल में कांग्रेस को जनता ने इनके 5 गारंटी चुनावी वादों पर अभूतपूर्व कामयाबी मिली। और अब वहां कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है।

इन शीर्ष नेतृत्व की मौजदगी में भूपेश के प्लान को मिली थी मंजूरी

कांग्रेस की चुनावी गारंटी

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, राज्यसभा सदस्य और हिमाचल के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में हिमाचल प्रदेश में दस गारंटी योजनाओं की घोषणा की गई थी।

इन 5 गारंटी को चुनावी वादों को किया गया था शामिल

भूपेश बघेल के 5 गारंटी चुनावी वादों पर हिमाचल में कांग्रेस को जीत मिली।इनमें छत्तीसगढ़ सरकार की बिजली बिल हाफ, कर्मचारियों की पुरानी पेंशल बहाली, दो रुपये किलो में गोबर खरीदी, हर विधानसभा में चार अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने और पांच लाख युवाओं को रोजगार देने की गारंटी योजनाओं को शामिल किया गया था। जिसने हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं को प्रभावित किया।