छत्तीसगढ़। मुख्यमंत्री (Bhupesh) भूपेश बघेल ने गुरुघासीदास जयंती के मौके पर एसी-ओबीसी के लिए बड़ी सौगात दी है। उन्होंने अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए नये प्रयास आवासीय विद्यालय शुरू करने की घोषणा की है। इस मौके पर मुख्यमंत्री को समाज ने (Reservation) आरक्षण विधेयक लाने के लिए सम्मानित भी किया। राजधानी के पेंशनबाड़ा में आयोजित कार्यक्रम में लोगों की भारी भीड़ थी।
इस दौरान भूपेश बघेल ने आरक्षित वर्गों के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। उन्होंने सभी संभागीय मुख्यालयों में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्रयास विद्यालय प्रारंभ करने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने इन वर्गों के लिए अलग-अलग छात्रावास की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने पेंशनबाड़ा स्थित अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास में ५० लाख रुपए की लागत से ई-लायब्रेरी शुरू कराने की घोषणा भी की। यह काम रायपुर नगर निगम की ओर से कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जीवन में कौन व्यक्ति, कहां, किस धर्म में, किस स्थान में जन्म लेगा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम अच्छी शिक्षा से व्यक्तित्व को निखार सकते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार भी बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रयास कर रही है। समारोह को नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया और संसदीय सचिव चंद्रदेव राय ने भी संबोधित किया। इस मौके पर महापौर एजाज ढेबर और नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी सरकार ने बस्तर में नक्सलवाद की वजह से बंद २६० स्कूलों में फिर से पढ़ाई शुरू कराई है। बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके इसलिए २७९ स्वामी आत्मानंद उत्कृट अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले हैं। हमारी सरकार ने बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती की है। साल १९९८ के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती हुई है। मुख्यमंत्री ने बताया, उन्होंने हाल ही में प्रदेश के स्कूल भवनों, आश्रमों और छात्रावासों के कायाकल्प के लिए एक हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किया है।
गुरु घासीदास बाबा जी की जयंती पर पावन स्मरण। pic.twitter.com/kQPg03EdJ9
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 18, 2022
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सामाजिक सामंजस्य में गुरु घासीदास के आदर्श विचारों की बात की। उन्होंने कहा, गुरु घासीदास जी एक ऐसे संत थे जिन्होंने मानवता को बचाने के लिए मानव-मानव एक समान का संदेश दिया। उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए समानता, भाईचारा, प्रेम और सद्भाव का संदेश दिया। मुख्यमंत्री का कहना था, गुरू घासीदास जी एकमात्र संत हैं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ी में उपदेश दिया। इसके जरिये उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा-बोली को आगे बढ़ाने का काम किया है।
LIVE: गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम (कुम्हारी बस्ती) https://t.co/NYQOrhk8FU
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