धान खरीदी में गड़बड़ी पर कलेक्टर जिम्मेदार होंगे: सीएम साय

By : dineshakula, Last Updated : October 12, 2025 | 7:30 pm

नवा रायपुर, छत्तीसगढ़:  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने नवा रायपुर के मंत्रालय (महानदी भवन) में तीन दिवसीय प्रशासनिक बैठक की शुरुआत करते हुए कलेक्टरों और सचिवों को कड़े निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 15 नवंबर से शुरू हो रही धान खरीदी में कोई अनियमितता न हो, इसकी पूरी जिम्मेदारी कलेक्टरों की होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों का एक-एक दाना धान खरीदेगी, और इसमें पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित की जाए।

बैठक के पहले दिन खाद्य और स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने किसान पोर्टल में सभी किसानों का शत-प्रतिशत पंजीयन समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने धीमी प्रगति वाले जिलों से कार्ययोजना की जानकारी ली और नेटवर्क समस्या वाले क्षेत्रों में विशेष शिविर लगाकर पंजीयन कराने को कहा।

धान खरीदी में गड़बड़ी पाए जाने पर कलेक्टर जिम्मेदार होंगे और प्रभारी सचिवों को खरीद केंद्रों की सख्त निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के ज़रिए चौकसी बढ़ाने की बात कही।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत कोई पात्र किसान न छूटे, इसके लिए कलेक्टरों को समयबद्ध कार्य करने को कहा गया है। योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा कमिश्नर करेंगे। बस्तर और सरगुजा जैसे अति-संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष फोकस रखने के निर्देश दिए गए।

स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सभी अस्पतालों में शत-प्रतिशत सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने, टीकाकरण सत्र समय पर आयोजित करने और फील्ड वेरिफिकेशन की पारदर्शिता पर जोर दिया। उन्होंने मैटरनल डेथ ऑडिट को अनिवार्य बताया और एनआरसी सेंटरों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए।

गैर-संचारी रोगों (NCDs) के प्रति जनजागरूकता फैलाने के लिए वेलनेस सेंटरों के माध्यम से अभियान चलाने को कहा गया। बस्तर संभाग में मलेरिया के हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर वहां विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए ताकि राज्य को मलेरिया मुक्त बनाया जा सके।

बैठक 14 अक्टूबर तक चलेगी। दूसरे दिन पुलिस कप्तानों के कार्यों की समीक्षा होगी और 13 अक्टूबर को मुख्यमंत्री कलेक्टरों और एसपी के साथ कानून व्यवस्था पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही वनमंडल अधिकारियों के साथ बैठक में वन नीति, पर्यावरण संरक्षण और आदिवासी कल्याण से जुड़ी योजनाओं की भी समीक्षा होगी।

तीसरे दिन यानी 14 अक्टूबर को “गुड गवर्नेंस समिट” आयोजित होगा, जिसमें शासन की पारदर्शिता, नीतिगत सुधार और प्रशासनिक दक्षता पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाएं कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि जमीनी स्तर पर असर दिखाएं और जनता को पारदर्शी तरीके से लाभ मिले।