रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा (Congress Committee Surendra Verma) ने कहा है कि रायपुर एम्स में फैकल्टी और डॉक्टर के 38 प्रतिशत पद रिक्त हैं, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य सहायक पदों के 39 प्रतिशत पद रिक्त हैं। मोदी सरकार की उपेक्षा के चलते रायपुर एम्स में स्वास्थ्य सेवा बदहाल है। मरीजों को भटकना पड़ रहा है लेकिन देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) विगत 2 महीनों से छत्तीसगढ़ में केवल भाजपा के लिए चुनावी जमीन तैयार करने में लगे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के लिए छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़िया केवल चुनावी लाभ के लिए ही जरूरी है, आम जनता के हित, हक और अधिकार से इनका कोई सरोकार नहीं होता। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ में चुनाव सह प्रभारी हैं। उनके विगत दो महीनों से लगातार छत्तीसगढ़ दौरे से जनता को उम्मीद थी कि एम्स रायपुर की बदहाली दूर होगी लेकिन भाजपाइयों का पूरा ध्यान केवल चुनावी लाभ पर ही केंद्रित है। वर्तमान में एम्स रायपुर में डॉक्टर और फैकल्टी के कुल 305 पदों में से 115 पद खाली है इसी तरह से पैरामेडिकल और अन्य स्टाफ के 3884 के सेटअप में 1497 पद रिक्त है जिसके चलते मरीज स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हो रहे।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार ने रायपुर एम्स के विस्तार का झूठा सपना दिखाया। कैंसर इंस्टीट्यूट, ऑकोलॉजी सेंटर फॉर एक्सीलेंस, और ट्रामा सेंटर संचालित करने का वादा किया लेकीन बनाए कुछ नहीं, इस जुमले पर भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया मौन है। नवंबर 2022 में भूपेश सरकार ने नया रायपुर में एम्स के विस्तार के लिए 50 एकड़ से अधिक भूमि निःशुल्क आवंटित किया, उसी समय तत्परता से सीमांकन करके हैंडओवर भी कर दिए लेकिन केंद्र की मोदी सरकार की अपेक्षा के चलते आज़ तक अटका हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया बताएं कि छत्तीसगढ़ की जनता से आखिर किस बात का बदला ले रही है केंद्र की मोदी सरकार।
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