रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर (Senior spokesperson of State Congress Dhananjay Singh Thakur) ने कहा कि पूर्व रमन सरकार (Raman Sarkar) में आपराधिक घटनायें बढ़ी हुई थी, प्रदेश का कोई भी थाना क्षेत्र अपराध मुक्त नहीं था। भूपेश बघेल सरकार बनने के बाद आपराधिक घटनाओं में ऐतिहासिक कमी आई है। राज्य के अपराधो को लेकर बयान देने वाले भाजपा नेताओं को राज्य के एवं देश के अन्य राज्यों के अपराधों का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहिये।
भाजपा एनसीआरबी के झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर लगातार दुष्प्रचार करती है। राज्य में हत्या अपहरण, महिला अपराधों, बलात्कार, अनुसूचित जनजाति के विरूद्ध, अनुसूचित जाति के विरूद्ध हुये अपराधों में देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा तथा पूर्ववर्ती रमन सरकार की अपेक्षा प्रभावी कमी आई है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार बच्चों के विरुद्ध हुए अपराधों में 17 प्रतिशत की राज्य में लूट डकैती के अपराधो में भी कमी आयी है। 2016-17-18 के तीन साल में डकैती के 214 अपराध हुये थे। कांग्रेस राज में 2019-20-21 में छत्तीसगढ़ में यह घट कर 196 तक पहुंच गयी। एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार छत्तीसगढ़ में पिछले तीन साल में दर्ज लूट की सभी घटनाओं के अपराधियों को पकड़ा गया है। 2019-20-21 में छत्तीसगढ़ में हत्या के अपराधों में भी गिरावट 28 प्रतिशत की कमी आयी है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भादवि के अपराध में छत्तीसगढ़ देश राज्यों की रैकिंग में 17वें स्थान पर है। उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा, आदि राज्य भादवि की रैकिंग में छत्तीसगढ़ से उपर है। भादवि के अपराध का राष्ट्रीय औसत प्रति लाख आबादी पर 251.2 है, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रति लाख आबादी पर यह अपराध 238.2 है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है। हत्या के अपराध वर्ष 2021 में राज्य में कुल 1007 है। प्रति लाख आबादी पर हत्या के अपराध की दर 3.4 है, जबकि झारखंड में यह औसत 4.1, हरियाणा में 3.8, असम में 3.4 है। राज्य में हत्या के संगठित अपराध नहीं हुये है। अपितु अधिकांश अपराध आपसी एवं पारिवारिक विवाद, क्षणिक उत्तेजना से घटित हुये है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2021 में 2681 अपहरण के अपराध घटित हुये है। राष्ट्रीय स्तर पर इस अपराध में छत्तीसगढ़ 13वें स्थान पर है। असम, उड़िसा, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान प्रति लाख आबादी में होने वाले अपहरण के अपराध छत्तीसगढ़ से अधिक है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के विरूद्ध घटित अपराधों में प्रति लाख आबादी पर घटित होने वाले अपराध की संख्या जहां 8.6 है, वहीं छत्तीसगढ़ में प्रति लाख आबादी पर घटित होने वाले इन अपराधों की संख्या 6.5 है। प्रति लाख आबादी पर घटित होने वाले अपराध में मध्यप्रदेश, कर्नाटक, बिहार, उड़िसा, तेलंगाना, केरल आदि राज्यों में इन अपराधों की दर छत्तीसगढ़ से अधिक हैं।
अनुसूचित जाति के विरूद्ध घटित अपराधों में जहां राष्ट्रीय स्तर पर प्रति लाख आबादी पर 25.7 की दर से यह अपराध घटित हुये है, वहीं छत्तीसगढ़ में इस अपराध की दर 10.1 है। महाराष्ट्र, बिहार, तेलंगाना, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में इन अपराधों की दर छत्तीसगढ़ से अधिक है। बच्चों के विरूद्ध वर्ष 2021 में छत्तीसगढ़ में 6001 अपराध घटित हुये है। छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर 11वें स्थान पर है। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उड़िसा, राजस्थान, दिल्ली बिहार, तमिलनाडू आदि राज्यों में घटित अपराधों की संख्या छत्तीसगढ़ से अधिक है।
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