रायपुर: छत्तीसगढ़ में मंत्री केदार कश्यप (Kedar Kashyap) पर लगे मारपीट के आरोप के बाद कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को रायपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंत्री का बंगला घेरने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें मोतीबाग के पास ही रोक दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की और तीखी नोकझोंक हुई। कांग्रेसियों ने जमकर नारेबाजी करते हुए कश्यप के इस्तीफे की मांग की। इससे पहले रविवार को कोंडागांव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंककर विरोध जताया था और भाजपा पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाया था।
चतुर्थ वर्ग कर्मचारी के साथ मारपीट व गाली देने के मामले में आज रायपुर के कांग्रेसजनों द्वारा मंत्री केदार कश्यप के निवास का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया गया pic.twitter.com/5eSmw4Mklx
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) September 8, 2025
पूरा मामला जगदलपुर सर्किट हाउस से जुड़ा है, जहां मंत्री केदार कश्यप पर वहां के कर्मचारी खितेंद्र पांडेय से गाली-गलौज और थप्पड़ मारने का आरोप है। खितेंद्र ने बताया कि वह बीते 20 वर्षों से सर्किट हाउस में काम कर रहे हैं। उस दिन वे नाश्ता बना रहे थे, तभी मंत्री का पीएसओ उन्हें बुलाने आया। जैसे ही वे पहुंचे, मंत्री ने कमरा न खोलने की बात पर गुस्से में जूता उठाया, गालियां दीं और कॉलर पकड़कर थप्पड़ मारे। खितेंद्र ने कहा कि वह लकवे का मरीज हैं और ऐसी बदसलूकी उन्होंने पहली बार झेली है।
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने मंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा नेताओं का दिमाग सातवें आसमान पर है। मंत्री का ये व्यवहार जनता और कर्मचारियों के साथ अमानवीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि पीड़ित की शिकायत के बावजूद पुलिस एफआईआर तक दर्ज नहीं कर रही, उल्टा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए भारी पुलिस बल लगा दिया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पीड़ित के साथ कुछ गलत होता है, तो इसकी जिम्मेदारी भाजपा सरकार और खुद मंत्री की होगी।
कांग्रेस नेता गिरीश दुबे ने कहा कि यह केवल एक कर्मचारी से नहीं, बल्कि लोकतंत्र से दुर्व्यवहार है। ऐसे मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए, जो जनता और कर्मचारियों का सम्मान करना नहीं जानता। दूसरी ओर, मंत्री केदार कश्यप ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए झूठे प्रचार में लगी है।