दीपक बैज का पलटवार! बोले, ‘आदिवासी दिवस’ के दिन आदिवासी अध्यक्ष हटाने वाली BJP आदिवासी सम्मान की बात न करें

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज (State Congress President and MP Deepak Baij) ने कहा कि भाजपाईयों के मुंह से आदिवासियों के हित की..

  • Written By:
  • Updated On - August 9, 2023 / 07:00 PM IST

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज (State Congress President and MP Deepak Baij) ने कहा कि भाजपाईयों के मुंह से आदिवासियों के हित की बात आदिवासी समाज के जले पर नमक छिड़कने के समान है, जो भाजपा विश्व आदिवासी दिवस (BJP World Tribal Day) के दिन अपने आदिवासी अध्यक्ष को अपमानपूर्वक पद से हटा देती है। जिस भाजपा में प्रदेश के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय को घुटन महसूस हो रही थी, वह भाजपा किस नैतिकता से आदिवासी सम्मान की बात कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि 15 साल के रमन भाजपा शासनकाल के दौरान आदिवासी वर्ग पर अत्याचार हुआ है, शोषण हुआ है, निर्दोष आदिवासियों को जेल में बंद किया गया है। 15 साल में हजारों आदिवासी अपने पैतृक स्थान को छोड़कर पलायन करने मजबूर हुए हैं, दर्जनों गांव उस दौरान वीरान हुआ है। भाजपा कल भी आदिवासी विरोधी थी, आज भी आदिवासी विरोधी है इसलिए अपने राजनीतिक हवस को पूरा करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष झूठ बोल रहे है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि जस्टिस पटनायक आयोग की रिपोर्ट रमन सरकार के दौरान हजारों निर्दोष आदिवासियों को फर्जी मामलों में बंदी बनाने के कुत्सित प्रयास को प्रमाणित करता है। एसपी की शहादत, कलेक्टर का अपहरण, सारकेगुड़ा, एड़समेटा, पेद्दागेलूर की घटना, मिडिल स्कूल के छात्र सोनकू और बिजलू की हत्या, मदनवाड़ा की घटना, झालियामारी में नाबालिक बच्चियों से बलात्कार, मीना खलको, मड़कम हिड़मे से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या, आज भी छत्तीसगढ की जनता भूली नहीं है। कांग्रेस सरकार में तो न्याय मिल रहा है, फर्जी प्रकरणों में सैकड़ो निर्दोष आदिवासियों की रिहाई हुई है। सभी को न्याय मिल रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी उत्पीड़न का दौर भाजपा की रमन सरकार के साथ ही चला गया। राज्य में भाजपा की रमन सरकार के दौरान आदिवासियों की डायरिया, मलेरिया और हिंसक घटनाओं में मौते होती थी, कांग्रेस की सरकार बनने के बाद आदिवासियों की सुरक्षा के साथ उनके सर्वांगीण विकास के द्वार कांग्रेस सरकार ने खोले। आदिवासियों के लोकतांत्रिक अधिकार कांग्रेस के राज में बहाल किये गये, बस्तर में रमन राज में बंद कर दिये गये 300 से अधिक स्कूलों को कांग्रेस सरकार ने शुरू किया। लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीने वापस कर कांग्रेस सरकार ने नया विश्वास पैदा किया। आदिवासियों के महत्वपूर्ण साधन तेंदूपत्ता के मानदेय की राशि 2500 से बढ़ाकर 4000 रू. कर दिया गया। बस्तर कनिष्ठ चयन बोर्ड एवं बस्तर बटालियन के गठन से आदिवासी युवाओं का भविष्य सुरक्षित हुआ। भाजपा के राज में 7 वनोपज की खरीदी होती थी, कांग्रेस सरकार ने 62 वनोपजो की खरीदी शुरू किया। 15 साल तक बस्तर, सरगुजा के आदिवासी डायरिया, मलेरिया से मरते थे, कांग्रेस के राज में हाट बाजार क्लीनिक से उनको इलाज की सुविधा देकर इसमें शत प्रतिशत कमी का लक्ष्य हासिल किया गया। नड्डा 15 साल के भाजपा के राज में आदिवासी समाज की उपेक्षा और शोषण के लिये प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिए।

यह भी पढ़ें : ‘वनाधिकार पट्टे-तेंदूपत्ता नीति’ पर BJP बोली! कांग्रेस ने आदिवासी समाज के साथ बड़ा धोखा किया!