नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)| नक्सली (Naxal) खतरे के कारण विस्मृत हुए वाणिज्यिक मार्ग की बहाली के करीब एक कदम आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) (CRPF)ने छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के अति नक्सल प्रभावित इलाके सुकमा के कुंदर में अपना शिविर स्थापित कर लिया है। ये सफलता सुरक्षा बलों के लिए नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में एक उल्लेखनीय मील का पत्थर साबित होगी। सीआरपीएफ ने ये जानकारी दी है। सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने बताया कि सीआरपीएफ की 165 बटालियन और छत्तीसगढ़ पुलिस ने दक्षिण बस्तर क्षेत्र में स्थित सुकमा जिले के अत्यधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुंदर में सफलतापूर्वक एक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) स्थापित किया है। एफओबी की स्थापना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जगरगुंडा-सिल्गर-बासागुड़ा अक्ष पर स्थित है और बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के मुख्यालयों को जोड़ने में मदद करेगा। विशेष रूप से यह जगरगुंडा से व्यापार के लिए प्रसिद्ध वाणिज्यिक मार्ग पर कनेक्टिविटी भी बहाल करेगा।
जानकारी के मुताबिक 2006 में माओवादी खतरे के उभरने तक ये इलाका भारत के प्रमुख इमली बाजार के तौर पर जाना जाता था। जगरगुंडा इलाका इमली और अन्य वन उपज के लिए व्यापारिक केंद्र हुआ करता था। सीआरपीएफ ने बताया कि इस शिविर के साथ प्रशासन निर्णायक रूप से व्यापारिक मार्ग की बहाली के करीब आ जाएगा और इस प्रकार क्षेत्र के आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
नक्सली हिंसा को समाप्त करने और शांति तथा स्थिरता लाने के उद्देश्य से सीआरपीएफ, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के पुलिस बलों के साथ दूरस्थ क्षेत्रों में शिविर स्थापित करने की प्रक्रिया में है। सीआरपीएफ ने कहा कि ये नया शिविर सुरक्षा बलों को उस क्षेत्र में केंद्रित अभियान चलाने में मदद करेगा, जिसे नक्सली अपना गढ़ मानते थे।