रिहाई आदेश में देरी, सौम्या चौरसिया और रानू साहू समेत 6 आरोपी अब 31 मई को होंगे जेल से रिहा

ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का दावा है कि छत्तीसगढ़ में कोयले के परिवहन और परमिट प्रक्रिया में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया।

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  • Publish Date - May 30, 2025 / 11:01 PM IST

रायपुर – छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला और जिला खनिज न्यास (DMF) घोटाले में गिरफ्तार 6 आरोपियों की रिहाई अब 31 मई को होगी। इन सभी की रिहाई आज (30 मई) को तय थी, लेकिन कोर्ट का आदेश रायपुर सेंट्रल जेल में देर से पहुंचने के कारण उन्हें एक और रात जेल में बितानी होगी।

सुप्रीम कोर्ट से इन सभी आरोपियों को अंतरिम जमानत मिली है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की डबल बेंच ने इस पर सुनवाई की थी। कोर्ट ने यह शर्त लगाई है कि आरोपी छत्तीसगढ़ राज्य में तब तक नहीं रहेंगे, जब तक अगला आदेश नहीं आता। साथ ही, उन्हें जांच एजेंसी और ट्रायल कोर्ट में जरूरत पड़ने पर उपस्थित होना होगा।

रिहा होने वाले आरोपी:

  • सौम्या चौरसिया (पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी, मुख्यमंत्री कार्यालय)

  • रानू साहू (आईएएस अधिकारी)

  • समीर विश्नोई (आईएएस अधिकारी)

  • रजनीकांत तिवारी

  • वीरेंद्र जायसवाल

  • संदीप नायक

कोर्ट के प्रमुख निर्देश:

  • रिहाई के एक सप्ताह के भीतर आरोपियों को छत्तीसगढ़ के बाहर अपना पता संबंधित थाने में दर्ज कराना होगा।

  • सभी आरोपियों को अपने पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करने होंगे।

  • वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे और आवश्यकता अनुसार एजेंसियों के समक्ष उपस्थित रहेंगे।

क्या है कोयला और DMF घोटाला?

ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का दावा है कि छत्तीसगढ़ में कोयले के परिवहन और परमिट प्रक्रिया में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया। कोल घोटाले में अब तक 570 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध वसूली की बात सामने आई है।

ईडी के अनुसार, कोल व्यापारियों से जबरन वसूली के लिए ऑनलाइन परमिट को जानबूझकर ऑफलाइन किया गया। इस फैसले के पीछे खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक समीर विश्नोई का आदेश 15 जुलाई 2020 को जारी हुआ था। अब तक इस मामले में 36 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है।