कांग्रेस के ‘सियासी शिगूफे’ पर डिप्टी CM अरूण साव का Master स्ट्रोक! दिए निगम चुनाव में ‘बदलाव’ के बड़े संकेत

By : madhukar dubey, Last Updated : August 9, 2024 | 7:45 pm

  • अरुण साव ने कहा-पंचायत और निगम चुनावों पर ली जाएगी सलाह, मंत्री साव बोले- समिति की रिपोर्ट पर फैसला लेंगे
  • रायपुर। उपमुख्यमंत्री अरुण साव (Deputy Chief Minister Arun Sao) ने नगरीय निकाय और पंचायत का चुनाव (Municipal body and panchayat elections) एक साथ कराने के बड़े संकेत दिए है। साथ ही नगरीय निकायों में महापौर और निकाय अध्यक्षों का चुनाव भी प्रत्यक्ष रूप से जनता के माध्यम से कराए जाने की बात सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन इतना जरूर कहा कि इसके लिए भविष्य में सरकार निर्णय ले सकती है। अभी इस पर सहमति बनना बाकी है। बता दें, कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान इसमें बदलाव करते हुए पार्षदों के माध्यम से महापौर और निकायों का चुनाव कराया था। जिसके बदले जाने की संभावना जताई जा रही है।

    • उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि एक समिति बनाई गई है। ये समिति सभी पक्षों पर स्टडी करेगी। इसके बाद मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर सरकार दोनों चुनाव एक साथ करवाने पर फैसला लेगी।

    शुक्रवार को नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने मीडिया से कहा- वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चा हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार भी इस दिशा में सोच रही है। इसलिए हमने एक समिति का गठन किया है कि वह इस बात पर न केवल लोगों की राय लें, बल्कि कानूनी जो प्रावधान है उसे समझें। तीन कानून हैं म्युनिसिपल कार्पोरेशन एक्ट 1956, म्यूनिसिपल पार्टी एक्ट 1961 और पंचायत राज अधिनियम 1993 यह तीन कानून हैं।

    • साव ने आगे कहा- दोनों तरह के निकायों के चुनाव के संचालन के लिए दोनों के अलग-अलग नियम बने हुए हैं। हम उन सब पर विचार करके एक संभावना कैसे बन सकती है ये देख रहे हैं। लोगों के अभीमत क्या हैं, कानूनी प्रावधान क्या हैं, इन सब बातों पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया है। कानूनी प्रावधान का अवलोकन करके समिति अपनी रिपाेर्ट बनाएगी, उसके हिसाब से सरकार आगे बढ़ेगी ।
    • महापौर-पार्षद चुनाव नियम बदलने की तैयारी

    कांग्रेस सरकार ने महापौर के डायरेक्ट इलेक्शन के नियम को बदल दिया था। तय हुआ था कि पार्षद ही महापौर को चुनेंगे। जबकि इससे पहले आम लोग महापौर पद के लिए वोटिंग करते थे। अब भाजपा की सरकार पुराने नियम को वापस ला सकती है। इसे लेकर भी काम जारी है। मंत्री अरुण साव ने कहा है कि जरुरत पड़ी तो ऐसा किया जा सकता है।

    कांग्रेस पर बोले – भ्रम पैदा करते हैं

    मोदी सरकार ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया। इस बिल के सदन में पेश होते ही देश की सबसे बड़ी और ताकतवर मुस्लिम संस्था वक्फ बोर्ड एक बार फिर से चर्चा में है। दिल्ली का कुल एरिया करीब 3.6 लाख एकड़ है, जबकि वक्फ बोर्ड के पास 9 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है। इसपर विवाद जारी है। कांग्रेस बिल का विरोध कर रही है। इस पर भी अरुण साव ने बयान दिया है।

    • छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM साव ने कहा- जिस कांग्रेस पार्टी ने बार-बार संविधान का उल्लंघन किया है, संविधान को तोड़ा मरोड़ा है वो संविधान की बातें करती है। देश में आपातकाल लगाकर इन्होंने बताया कि ये किस विचारधारा के हैं, ऐसे अनेक अवसर आए हैं जब कांग्रेस पार्टी ने संविधान का उल्लंघन किया है। यह जो वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन का विषय आया है यह आज के समय की आवश्यकता है। कांग्रेस पार्टी हर मामले में राजनीति करने का काम करती है। राष्ट्रहित, देशहित की चिंता नहीं करती। वोट बैंक की राजनीति करना, भ्रम पैदा करने की राजनीति करना कांग्रेस का काम है।

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