रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बिजली नियामक आयोग (Chhattisgarh State Electricity Regulatory Commission) ने 2023-24 के लिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला लिया है। इस साल किसी भी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं (electricity consumers) को प्रति यूनिट बिजली के अधिक मूल्य नहीं चुकाने होंगे। इसके साथ ही आयोग ने पोहा और मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में मिलने वाली 5 प्रतिशत छूट को जारी रखा है। इसके अलावा अन्य कई वर्गों के लिए भी छूट यथावत रखा गया है।
आयोग के निर्णय में कृषि और इससे जुड़े उपभोक्ताओं के लिए गैर सब्सिडी कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं के लिए 20 प्रतिशत छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इसी तरह खेतों में लगे पंपों के आसपास निगरानी करने के लिए 100 वाट तक के लाइट और पंखा किसान पहले की तरह ही लगा सकते है। ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवाएं दे रही संस्था को उर्जा प्रभार में 7% की छूट को घटाकर 5% किया गया है।
इसी प्रकार गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए कई प्रकार की पुरानी सुविधाओं को जारी रखा गया है। जिसमें पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग सिस्टम के लिए प्रति यूनिट बिजली की दर में बिना बदलाव किए 5 रुपये रखी गई है। इसके साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टावर के उर्जा भाड़े में 50% की छूट बनी हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा इस वर्ष बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। यह प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं, किसानों सहित पूरे प्रदेशवासियों के हित में बहुत ही महत्वपूर्ण है।राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली की दरों में ही वृद्धि नहीं की गई है। बल्कि उनके द्वारा सरकार से कोई कर्ज भी नहीं लिया गया है, जो सराहनीय है।