पूर्व विधायक को डबल झटका, पत्नी और उनकी बहू हार गई चुनाव

जिला पंचायत में सदस्य के चुनाव में गरियाबंद जिले के दो बड़े आदिवासी चेहरों ने तमाम बाधाओं को पार करते हुए जीत हासिल की। जिला पंचायत के

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  • Updated On - February 18, 2025 / 10:02 PM IST

गरियाबंद। जिला पंचायत (District Panchayat)में सदस्य के चुनाव में गरियाबंद जिले के दो बड़े आदिवासी चेहरों ने तमाम बाधाओं को पार करते हुए जीत हासिल की। जिला पंचायत के 4 क्षेत्रों के मतदान में भाजपा समर्थित दो, कांग्रेस समर्थित एक और एक निर्दलीय ने जीत हासिल की। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में में गरियाबंद जिले के गरियाबंद और मैनपुर ब्लॉक के 315 बूथों पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान सम्पन्न हुआ. जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष संजय नेताम ने इस बार क्षेत्र क्रमांक 7 से चुनाव लड़ा था. संजय को हराने विरोधियों ने कांग्रेस से ही दो पदाधिकारियों को मैदान में उतार दिया था, जिसका चुनाव परिणाम पर असर नहीं दिखा।

पिछली दो बार क्षेत्र क्रमांक 7 से चुनाव लड़ कर जीत दर्ज कराने वाली आदिवासी नेत्री लोकेश्वरी नेताम ने इस बार क्रमांक 8 से लड़ कर अपनी बादशाहत बरकरार रखी। निर्दलीय लडऩे वाली लोकेश्वरी ने कुल 19293 मत हासिल किए. जबकि भाजपा की प्रयासी सूरती ध्रुवा को 6405 मत लेकर दूसरे और कांग्रेस की सरस्वती नेताम 6213 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहीं. इसी तरह पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी की धर्मपत्नी सरपंच व बहू (Sarpanch and daughter-in-law of former MLA Govardhan Manjhi)जनपद सदस्य का चुनाव हार गईं. मैनपुर में भी विधायक जनक ध्रुव अपने कई करीबियों के लिए चुनाव प्रचार किया था, लेकिन उनमें से ज्यादातर को हार का सामना करना पड़ा। गरियाबंद जिला सरपंच संघ अध्यक्ष रहे बलदेव इस बार पंच की कुर्सी नहीं बचा पाए।

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