“डबल इंजन सरकार की नीति ने बस्तर में नक्सलवाद को किया जड़ से खत्म, 1570 माओवादी कैडर ने किया आत्मसमर्पण”

बीते 18 महीनों में 1,570 माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटे हैं। पूना मारगेम यानी पुनर्वास से पुनर्जीवन और नियद नेल्ला नार योजना अब बस्तर की नई पहचान बन चुकी है।

  • Written By:
  • Publish Date - July 29, 2025 / 03:22 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने हाल ही में बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ डबल इंजन सरकार की नीति की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि यह नीतियां अब बस्तर में शांति और विकास का नया चेहरा बन चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर जानकारी दी कि बीते 18 महीनों में 1,570 माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट में कहा, “डबल इंजन सरकार की नीति ने बस्तर में नक्सलवाद की जड़ें हिला दी हैं। हमारी सरकार की योजनाओं ने बस्तर में बदलाव को गति दी है और अब बस्तर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है।”

पूनामारगेम और नियद नेल्ला नार योजना से हुआ बड़ा बदलाव

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बस्तर में ‘पूनामारगेम’ (पुनर्वास योजना) और ‘नियद नेल्ला नार योजना’ जैसी योजनाओं ने विशेष प्रभाव डाला है। इन योजनाओं के तहत माओवादी कैडरों को पुनर्वास की प्रक्रिया से गुजरने का अवसर मिला, जिससे वे मुख्यधारा से जुड़ सके और एक नया जीवन प्राप्त कर सके।

इन योजनाओं ने बस्तर की नक्सलवाद प्रभावित छवि को बदलने में अहम भूमिका निभाई है। अब बस्तर की पहचान केवल संघर्ष और हिंसा के लिए नहीं, बल्कि विकास, शांति और समृद्धि के लिए भी बनाई जा रही है।

बस्तर की प्रगति की दिशा में मजबूत कदम

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार की नीतियों ने बस्तर में तेजी से बदलाव की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया है। सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई और सामाजिक समावेशन की दिशा में किए गए प्रयासों के कारण बस्तर अब न केवल शांति की ओर बढ़ रहा है, बल्कि यहां के लोग विकास के रास्ते पर चलने को तैयार हैं।

अब बस्तर में नक्सलवाद से प्रभावित लोग एक नई आशा और विश्वास के साथ मुख्यधारा में लौट रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बस्तर राज्य के अन्य हिस्सों से जुड़कर अब नई आर्थिक और सामाजिक संभावनाओं का केंद्र बन चुका है।

नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए निरंतर प्रयास

डबल इंजन सरकार की नीति के तहत नक्सलवाद को समाप्त करने और बस्तर में शांति स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। बस्तर में हुए बदलाव ने यह साबित कर दिया है कि यदि सही नीतियों और योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जाए तो नक्सलवाद जैसे मुद्दों पर भी सफलता प्राप्त की जा सकती है।

अब, बस्तर में विकास और शांति की दिशा में उठाए गए कदमों से यह क्षेत्र एक नई पहचान बना रहा है, और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बस्तर को एक नई दिशा मिल रही है।