20 घंटे की जांच के बाद ED की वापसी, डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज जब्त, अन्य कारोबारियों पर गिर सकती है गाज

भिलाई में अन्ना एग्रो टेक प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर पर छापा पड़ा, जहां कंपनी के लेनदेन और अन्य दस्तावेजों की जांच की गई।

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  • Publish Date - September 4, 2025 / 09:24 PM IST

रायपुर, दुर्ग-भिलाई और राजिम में बुधवार को शुरू हुई प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई करीब 20 घंटे चली। जांच के बाद टीम गुरुवार सुबह लौट गई। इस दौरान एजेंसी को कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस हाथ लगे हैं जिन्हें जब्त कर साथ ले जाया गया है। अधिकारियों के मुताबिक अब इन सबूतों के आधार पर जल्द ही और कारोबारियों पर शिकंजा कसा जा सकता है।

ED ने यह छापेमारी DMF (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) घोटाले से जुड़े मामलों में की थी। जांच के दायरे में रायपुर के कारोबारी विनय गर्ग, पवन पोद्दार, सतपाल छाबड़ा के अलावा दुर्ग, भिलाई और राजिम के कई कृषि और खाद कारोबारियों के ठिकाने शामिल रहे। इनके साथ ही कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के ठिकानों पर भी दबिश दी गई।

ED की रेड में सामने आया कि कृषि उपकरणों की सप्लाई के नाम पर DMF की राशि का गलत इस्तेमाल हुआ। निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू पर टेंडर प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी करने का आरोप है। फर्जी प्रोजेक्ट बनाकर मेडिकल, ट्रेनिंग और अन्य सप्लाई में मनचाही एजेंसियों को टेंडर दिए गए, जिनसे कमीशन लेकर उसे नेताओं और अधिकारियों तक पहुंचाया गया। इसमें NGO का भी इस्तेमाल हुआ।

भिलाई में अन्ना एग्रो टेक प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर पर छापा पड़ा, जहां कंपनी के लेनदेन और अन्य दस्तावेजों की जांच की गई। वहीं, शांति नगर में सीए आदित्य अग्रवाल के घर से डिजिटल डिवाइस जब्त की गई। राजिम में कारोबारी उगम राज कोठारी के घर और दुकान की चारों ओर से घेराबंदी कर जांच की गई।

DMF घोटाले में टेंडर आवंटन में बड़ी आर्थिक गड़बड़ी के प्रमाण मिले हैं। कोरबा जिले में 575 करोड़ से अधिक के घोटाले की जांच में सामने आया कि टेंडर दिलाने के बदले दलालों के ज़रिए रिश्वत का लेन-देन हुआ। एक तय कमीशन के हिसाब से कलेक्टर को 40%, CEO को 5%, SDO को 3% और सब-इंजीनियर को 2% कमीशन दिया जाता था।

फंड के नियमों में बदलाव कर ऐसी कैटेगरी जोड़ी गई जिसमें भारी कमीशन लिया जा सके, जैसे मटेरियल सप्लाई, ट्रेनिंग, कृषि उपकरण और मेडिकल आइटम्स। ये सब ACB द्वारा रायपुर कोर्ट में पेश किए गए 6 हजार पेज के चालान में दर्ज है।

ED को उम्मीद है कि जब्त किए गए डिजिटल डाटा और दस्तावेजों से घोटाले में और गहराई से पर्दा उठेगा और इसमें शामिल अन्य नाम भी सामने आएंगे।