रायपुर। प्रदेश भर के प्राइमरी स्कूल की छोटी-छोटी बालिकाओं के लिखे पत्र (Letters written by girls) आज स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (School Education Minister Brijmohan Agarwal) के पास पहुंचे। बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान के अंतर्गत इन सुंदर पत्रों को आज शिक्षा मंत्री ने देखा। हर पत्र अपने में मासूमियम से भरा बेटियों की अथाह प्रतिभा की दास्तां कह रहा था। इन पत्रों में छोटे बच्चों ने अपनी तुतलाहट भरी भाषा में चित्रों के माध्यम से एक बालिका भु्रण की दास्तां कही। एक बच्ची ने एक चित्र बनाया, इसमें एक बीज है जिसके भीतर भु्रण है जिसकी हत्या की जा रही है। यह नहीं होता तो वो वृक्ष की असीम संभावना को छूता, उसी तरह बालिका भी अपने सुनहरे भविष्य का निर्माण करती।
मंत्री अग्रवाल इन पत्रों को पढ़कर और इनके मार्मिक चित्रों को देखकर भावुक हुए। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों ने मुझे पत्र के माध्यम से सुंदर संदेश भेजे हैं उन्हें मेरी ओर से धन्यवाद प्रेषित करना है। मंत्री अग्रवाल ने कहा कि इन छोटी बालिकाओं के शब्दों का संसार सीमित है लेकिन इनकी संवेदना का संसार बहुत विस्तृत है। जिस तरह से इन्होंने एक बालिका भु्रण की हत्या की भयावह दास्तां अपने चित्रों से व्यक्त की है वो इनकी गहरी भावनाओं को बताता है। इन प्रतिभाशाली बालिकाओं से छत्तीसगढ़ का भविष्य उज्ज्वल लगता है।
शिक्षा मंत्री अग्रवाल ने कहा कि लड़कियों के जीवन में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। शिक्षा से लड़कियां आत्मनिर्भर बनकर समाज में अपना योगदान देती हैं। शिक्षा लड़कियों को सशक्त बनाती है और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने में मदद करती है। लड़कियों की शिक्षा समाज के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जब लड़कियां शिक्षित होती हैं, तो वे अपने परिवार और समाज के लिए बेहतर निर्णय ले सकती हैं।
वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर सकती हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। हमारी सरकार हमेशा से ही महिला सशक्तिकरण के पक्षधर रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में महिला आरक्षण बिल लाए हैं। इसी क्रम में राज्य में महिलाओं के सम्मान के लिए मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन के अंतर्गत महिलाओं के खाते में महतारी वंदन योजना की राशि भी पहुंचने लगी है।
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