बिजली दर बढ़ी, फिर भी नेता प्रतिपक्ष ने CM को क्यों कहा ‘धन्यवाद’? जानें पूरा मामला

चरणदास महंत ने कहा कि बिजली दरों में वृद्धि के चलते आम उपभोक्ता और किसान परेशान हैं। सरकार को चाहिए कि वह बड़े उपभोक्ताओं से वसूली करे, न कि आम लोगों पर बोझ डाले।

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  • Publish Date - July 17, 2025 / 12:23 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा (state assembly) में बुधवार को एक दुर्लभ और सकारात्मक राजनीतिक पल देखने को मिला जब विपक्ष के नेता डॉ. चरणदास महंत ने बिजली दरों में वृद्धि जैसे संवेदनशील मुद्दे पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद कहा। यह घटना इसलिए खास है क्योंकि कांग्रेस पूरे प्रदेश में बिजली टैरिफ बढ़ोतरी के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है।

विधानसभा के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के बाद नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री का सार्वजनिक रूप से आभार जताया। इस “थैंक्यू-थैंक्यू” मूमेंट पर सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के इस रुख का स्वागत किया।

नेता प्रतिपक्ष ने क्यों कहा धन्यवाद?
चरणदास महंत ने कहा कि बिजली दरों में वृद्धि के चलते आम उपभोक्ता और किसान परेशान हैं। सरकार को चाहिए कि वह बड़े उपभोक्ताओं से वसूली करे, न कि आम लोगों पर बोझ डाले। हालांकि, मुख्यमंत्री ने जिस गंभीरता से विषय को लिया, खासकर सौर ऊर्जा को लेकर जो बात कही, उससे स्पष्ट हुआ कि सरकार इस मुद्दे को लेकर सजग है। इसी कारण उन्होंने धन्यवाद कहा।

CM का जवाब और सरकार का पक्ष
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “हम उनके धन्यवाद पर उन्हें धन्यवाद कहते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि बिजली दरों में महज 1.89% की वृद्धि की गई है, जो कि पिछले वर्षों में सबसे कम है।

सरकार का तर्क है कि घरेलू उपभोक्ताओं पर सिर्फ 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट और किसानों के कृषि पंप पर 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है, जिसका सीधा असर किसानों पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह राशि पहले से ही सब्सिडी के रूप में सरकार द्वारा वहन की जा रही है।

औद्योगिक सेक्टर को राहत
सरकार ने ऊर्जा-गहन उद्योगों जैसे मिनी स्टील, रोलिंग मिल और फेरो एलॉय की दरों में कटौती की है ताकि इन उद्योगों की प्रतिस्पर्धा बनी रहे। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में औसतन 23.85 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 23.45 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है।

भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरबा में 1320 मेगावॉट का नया बिजली संयंत्र स्थापित हो रहा है, जिसकी लागत ₹15,800 करोड़ है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ को ऊर्जा-सरप्लस राज्य बनाने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है।

राजनीति से ऊपर जनहित
नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री के बीच यह “धन्यवाद संवाद” छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जहां किसी गंभीर मुद्दे पर भी राजनीतिक शिष्टाचार और सार्थक बहस की गुंजाइश बनी रहती है।