ईओडब्ल्यू का दावा- आबकारी अफसरों ने शराब घोटाले से 88 करोड़ कमाए, नोहर सिंह को 11 करोड़ मिले

ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के मुताबिक, आबकारी अफसरों ने शराब घोटाले से मिली राशि को प्रॉपर्टी और कारोबार में निवेश किया है।

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  • Publish Date - July 9, 2025 / 01:02 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान हुए 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले (liquor scam) में सिंडिकेट के तहत काम कर रहे आबकारी अफसरों को 88 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम मिली है। ईओडब्ल्यू अफसरों ने इस जानकारी को चालान में उजागर किया है।

ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के मुताबिक, आबकारी अफसरों ने शराब घोटाले से मिली राशि को प्रॉपर्टी और कारोबार में निवेश किया है। जांच में 11 आबकारी अफसरों की प्रॉपर्टी का खुलासा हुआ है। बाकी अफसरों के खिलाफ 200 लोगों के बयान दर्ज करके इस मामले का खुलासा किया गया।

ईओडब्ल्यू की जांच में यह भी पता चला कि शराब की खपत का रिकॉर्ड सरकारी कागजों में न चढ़ाने की सलाह दुकान संचालकों को दी गई थी। डुप्लीकेट होलोग्राम वाली शराब बिना शुल्क अदा किए दुकानों तक पहुंचाई गई।

ईओडब्ल्यू ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि फरवरी 2019 से आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार की शुरुआत हुई थी। पहले हर महीने 800 पेटी शराब से भरी 200 ट्रक डिस्टलरी से बाहर निकलती थी, जिन्हें 2840 रुपए प्रति पेटी के हिसाब से बेचा जाता था। इसके बाद हर माह 400 ट्रक शराब की सप्लाई शुरू हो गई, जिसकी प्रति पेटी कीमत 3880 रुपए थी।

शुरुआती जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि तीन साल में 60 लाख से ज्यादा शराब की पेटियां अवैध रूप से बेची गई। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी जांच कर रहा है। ED ने ACB में एफआईआर दर्ज कराई है और अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए यह घोटाला अंजाम दिया गया था।