राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर फेक न्यूज़ रोकने की जिम्मेदारी पर जोर

अपर संचालक उमेश मिश्रा ने कहा कि लोकतंत्र का आधार स्तंभ मीडिया की विश्वसनीयता है, जिसे हर हाल में कायम रखना होगा

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  • Publish Date - November 16, 2025 / 09:13 PM IST

रायपुर | राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day) के अवसर पर सोमवार को रायपुर स्थित जनसंपर्क संचालनालय में आयोजित विचार गोष्ठी में संपादकों, वरिष्ठ पत्रकारों और जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने मीडिया की विश्वसनीयता और फेक न्यूज़ की चुनौती पर अपने विचार रखे।

वरिष्ठ संपादक जयप्रकाश मिश्रा ने कहा कि कुछ लोग अपने हित साधने के लिए एक जैसी भ्रामक सामग्री एक साथ प्रसारित करते हैं, जिससे उसका एल्गोरिथम बढ़ जाता है और पाठकों में भ्रम फैलता है। उन्होंने दिल्ली मेट्रो के उदाहरण का जिक्र करते हुए बताया कि ई. श्रीधरन किसी भी तकनीकी रुकावट की जानकारी तुरंत मीडिया में साझा कर देते थे, जिससे सही सूचनाएं लोगों तक समय पर पहुँचती थीं और अफवाहें टिक नहीं पातीं।

संपादक रवि भोई ने कहा कि खबरों की सच्चाई से समझौता किसी भी कीमत पर नहीं होना चाहिए। भले ही समय लगे, लेकिन पुष्टि के बाद ही समाचार प्रसारित किए जाने चाहिए। संपादक ए.एन. द्विवेदी ने कहा कि सूचनाओं की गुणवत्ता और उनके प्रभाव को देखते हुए बेहद गंभीरता से तथ्यों को जनता तक पहुंचाना चाहिए, क्योंकि छोटी चूक भी बड़ी दुर्घटना बन सकती है।

वरिष्ठ पत्रकार अशोक साहू ने कहा कि पत्रकारिता में विश्वसनीयता यदि मजबूत हो, तो भ्रामक सूचना फैलने की गुंजाइश नहीं रहती। अपर संचालक उमेश मिश्रा ने कहा कि लोकतंत्र का आधार स्तंभ मीडिया की विश्वसनीयता है, जिसे हर हाल में कायम रखना होगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी बदलावों के बीच तेजी से फैलती गलत सूचनाओं पर मीडिया को अधिक सतर्क रहना चाहिए।

अपर संचालक आलोक देव ने कहा कि मीडिया की सबसे बड़ी ताकत उसकी विश्वसनीयता है, जो सिर्फ खबरें देने के अलावा मार्गदर्शन करती है, संदेह दूर करती है और विश्वास बनाती है। उप संचालक सौरभ शर्मा ने कहा कि एआई के युग में गलत सूचनाओं का एल्गोरिथम तेजी से बढ़ता है, इसलिए हर जानकारी की जांच के बाद ही उसे प्रसारित करना आवश्यक है।

कार्यक्रम में अरविंद मिश्रा सहित अनेक प्रतिभागियों ने अपने विचार साझा किए। गोष्ठी में जनसंपर्क विभाग के अधिकारी और बड़ी संख्या में मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे।