गैंगस्टर अमन साव को किया गया रायपुर कोर्ट में पेश,
By : hashtagu, Last Updated : October 14, 2024 | 7:29 pm
रायपुर/ लॉरेंस बिश्नोई के करीबी गैंगस्टर अमन साव (GangsterAman Saav)को रायपुर कोर्ट लेकर पुलिस पहुंची है। उसे जस्टिस भूपेश कुमार बसंत की कोर्ट में पेश किया गया है। रायपुर पुलिस ने उसे एक दिन पहले ही प्रोडक्शन वारंट पर झारखंड से गिरफ्तार किया था। इसके बाद 40 पुलिसकर्मियों की टीम सोमवार तड़के उसे रायपुर लाई।
अमन साव तेलीबांधा क्षेत्र में कारोबारी प्रह्लाद राय अग्रवाल (Businessman Prahlad Rai Agarwal)पर गोली चलवाने का मुख्य आरोपी है। प्रह्लाद राय का पीआरए कंस्ट्रक्शन के नाम से ऑफिस है। यहां 13 जुलाई को अमन साव के गुर्गों ने गोली चलाई थी। इस गोलीकांड में अमन साव के अलावा लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी सामने आया था।
पांचवीं बार में मिली सफलता
अमन साव को रायपुर प्रोटेक्शन वारंट में लाने पर रायपुर पुलिस को पांचवीं बार में सफलता मिली। इससे पहले चार बार रायपुर पुलिस के अधिकारी प्रोटेक्शन वारंट पर रायपुर लाने की मांग कर चुके थे, लेकिन हर बार उनकी मांग को नकार दिया जाता था।
शनिवार को दोनों प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के बीच चर्चा हुई और उसके बाद प्रोटेक्शन वारंट पर रायपुर लाने की मंजूरी मिली और रविवार की शाम को अमन साव को रायपुर के लिए रवाना किया गया था।
आधुनिक हथियारों से लैस है टीम
पुलिस सूत्रों के अनुसार अमन साव को रायपुर लाने के लिए 10 सदस्यों की टीम पहुंची थी। इस टीम को लीड एसीसीयू प्रभारी कर रहे हैं। टीम के अलावा अमन साव को रायपुर तक पहुंचाने के लिए झारखंड पुलिस की तरफ से 30 सदस्यों की टीम मिली है।
ये टीम हाईटेक हथियारों से लैस है। अमन साव को रायपुर लाने के बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा और वहां से उसकी रिमांड रायपुर पुलिस मांगेगी। रिमांड में लेने के बाद आरोपी से पूछताछ की जाएगी।
कौन है अमन साव
रिपोट्र्स के अनुसार, गैंगस्टर अमन साव पहली बार 2019 में गिरफ्तार हुआ था। लेकिन 29 सितंबर 2019 को ही वह फरार हो गया। पुलिस ने उसे 3 साल बाद जुलाई 2022 में दोबारा गिरफ्तार किया। साव अभी झारखंड के गिरिडीह जेल में बंद है। बताया जाता है कि अमन साहू के गिरोह के पास एडवांस हथियार हैं जिसके दम पर वह अपने खौफनाक मंसूबों को अंजाम देते हैं।
झारखंड के कई जिलों में फैला है साव गैंग का नेटवर्क
अमन साव का नेटवर्क धनबाद, रांची, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग, पलामू, लातेहार, बोकारो जैसे झारखंड के तमाम जिलों में फैला हुआ है। साव के रडार पर कोल माइनिंग कंपनियां, कोयला व्यवसायी और ट्रांसपोर्ट फील्ड के बिजनेसमैन रहते हैं।
साव इनको अपना टारगेट बनाकर इनसे रंगदारी की मांग करता है और जो उसकी बात नहीं मानता उसके गुर्गे उस पर गोली चलाकर अपनी बात मनवाते हैं।