छत्तीसगढ़। (Governor Biswa Bhushan Harichandan) प्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन 23 फरवरी को अपने पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। इनके यहां नियुक्त होने पर प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने सोशल मीडिया पर बधाई और स्वागत अभिनंदन कर चुके हैं। अब भूपेश सरकार के ब्यूरोक्रेट्स राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी में जुटा हुआ है।
इसी कड़ी में कार्यक्रम की तमाम व्यवस्थाओं को लेकर मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने प्रमुख अधिकारियों की बैठक ली, साथ ही उन्हें कई आवश्यक निर्देश भी दिए। 23 फरवरी को नए राज्यपाल के रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचते ही स्वागत होगा। CS की बैठक में पूरे शपथ ग्रहण समारोह के मिनट टू मिनट कार्यक्रमों के बारे में चर्चा की गई।
ये बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में हुई। नए राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन के सामने आरक्षण विधेयक को सुलझाने की एक बड़ी चुनौती होगी। साथ ही कुछ अन्य विधेयक भी राजभवन में अटके हैं, उनका भी भविष्य तय होगा। बता दें, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यपाल अनुसूईया उइके को मणिपुर की राज्यपाल बनाया है। उइके को सरकार ने 16 जुलाई 2019 को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया था। उन्होंने 17 जुलाई को कार्यभार ग्रहण कर लिया था। बहरहाल, इनके साथ आरक्षण का विवाद पर सियासी माहौल गरम था। अब देखना होगा, नए राज्यपाल के आने के बाद क्या सरकार और राजभवन में जारी शीतयुद्ध थमेगा या आगे बढ़ेगा।
इस बैठक में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव संसदीय कार्य डॉ आलोक शुक्ला, सचिव राज्यपाल अमृत खलखो, सचिव सामान्य प्रशासन डीडी सिंह, सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रसन्ना आर, सचिव राजस्व एनएन एक्का, कमिश्नर रायपुर यशवंत कुमार, आईजी रायपुर अजय यादव, कलेक्टर रायपुर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे, आयुक्त नगर निगम मयंक चतुर्वेदी सहित जनसम्पर्क, लोक निर्माण और अन्य विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन आंध्र प्रदेश में पिछले 4 वर्षों से राज्यपाल की भूमिका में हैं। यह मूलतः ओडिशा के रहने वाले हैं। इनका जन्म 3 अगस्त 1934 में ओडिशा के खोरधा जिले में हुआ था। इन्होंने एमसीएस कॉलेज पुरी में अर्थशास्त्र में ऑनर्स डिग्री, एमएस लॉ कॉलेज कटक से एलएलबी की डिग्री ली है। इसके बाद हरिचंदन 1965 में उच्च न्यायालय बार और 1971 में जनसंघ में शामिल हुए। इन्होंने ऐतिहासिक जेपी आंदोलन में भी भागीदारी निभाई है। बिस्वा भूषण हरिचंदन ओडिशा में 5 बार विधानसभा चुनाव 1977, 1990, 1996, 2000, 2004 में विधायक चुने जा चुके हैं। ये ओडिशा सरकार में 4 बार मंत्री भी रह चुके हैं। इनके पास राजस्व, कानून, ग्रामीण विकास, उद्योग जैसे विभागों की जिम्मेदारी रही है।