छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का अलर्ट, 17 जिलों में बिजली-आंधी की चेतावनी

By : dineshakula, Last Updated : September 8, 2025 | 12:29 pm

रायपुर: छत्तीसगढ़ में अगले 48 घंटों के भीतर मौसम (climate) का मिजाज पूरी तरह बदल सकता है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि राज्य में कई जगह तेज बारिश होगी, तो कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है। सोमवार को रायपुर, दुर्ग, बालोद, कबीरधाम और राजनांदगांव सहित 17 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। गरज-चमक के साथ बिजली गिरने और तेज आंधी चलने की भी संभावना जताई गई है।

अब तक प्रदेश में मानसून का 85% कोटा पूरा हो चुका है। 1 जून से 6 सितंबर तक औसतन 981.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य औसत 1143.3 मिमी है। हालांकि बेमेतरा जैसे कुछ जिलों में सामान्य से 49% कम बारिश हुई है, वहीं बलरामपुर में 1330.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 56% ज्यादा है।

हाल की बारिश से राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और बस्तर जिलों में 200 से ज्यादा घर ढह गए और 2196 लोग राहत शिविरों में शिफ्ट किए गए हैं। बलरामपुर में बांध फूटने की घटना में 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि एक बच्ची अब भी लापता है।

बारसूर इलाके में पुल टूटने से 55 से ज्यादा गांवों का संपर्क कट गया है। ग्रामीण अब टूटी सड़क पर सीढ़ी के सहारे आना-जाना कर रहे हैं।

बारिश की ये स्थिति बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया का नतीजा है। जब किसी इलाके में गर्मी अधिक होती है, तो हवा ऊपर उठती है और वहां दबाव कम हो जाता है। नतीजतन, वह जगह लो प्रेशर जोन बन जाती है, जो बादलों को आकर्षित करता है और बारिश कराता है। यही सिस्टम कई बार डिप्रेशन और फिर साइक्लोन का रूप ले लेता है।

इसके साथ ही बिजली गिरने के पीछे भी वैज्ञानिक कारण हैं। आसमान में जब अलग-अलग चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं, तो घर्षण से बिजली बनती है जो पृथ्वी की ओर गिरती है। यदि यह किसी इंसान या धातु के संपर्क में आए, तो जानलेवा हो सकती है। इसलिए खराब मौसम में खुले में जाने से बचना जरूरी है।

प्रदेशभर में अगले दो दिन विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी रखने के निर्देश दिए हैं और लोगों से अपील की है कि वे मौसम अलर्ट को गंभीरता से लें।