रायपुर। केंद्र सरकार ने राईस मिलर्स एसोसिएशन (Rice Millers Association) की शिकायत पर बड़ी कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के आदेश पर ये कार्रवाई हुई है। भारतीय खाद्य निगम के दो अफसरों को निलंबित (Two officers suspended) कर दिया है तथा 50 का तबादला किया गया है। सभी अफसर धमतरी और रायपुर कार्यालय में काम करते हैं। दूसरी ओर सांसद सुनील सोनी ने इस संबंध में कोई भी जानकारी होने से इंकार किया है।
बता दें, केंद्र सरकार के भारतीय खाद्य निगम के अफसरों पर 29 मीट्रिक टन चांवल के लाट को स्वीकृत करने के एवज में 7500 रूपये प्रति लाट की दर से 85 करोड़ की रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगाया गया था। राईस मिलर्स एसोसियेशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर ने उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भारत सरकार को एक शिकायत शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत की थी तथा धमतरी एवं राजधानी के भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों पर चावल सेंपल पासिंग के नाम पर करोड़ों रुपए लिए जाने की शिकायत की थी।
चंद्राकर ने दावा किया कि इस शिकायत के बाद केंद्रीय मंत्री ने तत्काल संज्ञान लेते हुए दिल्ली से राजधानी रायपुर एक विशेष जांच टीम भेजी और अविलंब कार्यवाही की. जांच के बाद आरोप सही पाए जाने पर 50 से अधिक अफसरों का तबादला होने की खबर है. इनमें दो अफसरों को निलंबित किया गया है।
शिकायतकर्ता का यह भी कहना है कि यदि इस जांच टीम के द्वारा बारीकी से जांच की जाती है तो अब तक की गई वसूली में करोड़ों, अरबों रुपए का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है और कई बड़े अधिकारी इस जांच की ज़द में आयेंगे।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि भारतीय खादय निगम के अफसरों आतंक इस कदर है कि जो राईस मिलर इसकी शिकायत करेगा, उसके लाट को बार बार रिजेक्ट किया जायेगा और साथ ही उसे ब्लेक लिस्टेड कर दिया जायेगा. इसी कारण राईस मिलर्स उक्त भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं करते रहे लेकिन पानी अब सर से ऊंचा हो चुका है और राईस मिलर्स पूरी तरह रिश्वत देने के मामले में मजबूर हो गये हैं। इस वजह से यह शिकायत आपके समक्ष प्रस्तुत की जा रही है।
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