रायपुर। बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया! वाली कहावत आज के भ्रष्ट सिस्टम पर बिल्कुल सटीक बैठती है। लाख कवायदों के बावजूद भ्रष्टाचार की जड़ें खत्म नहीं हो सकती हैं, जिससे लोगों में ऐसा विश्वास पैदा हो गया है। जिन भ्रष्टाचारियों को जेल में ठूंसा गया है, उन्हें वहां वीआईपी व्यवस्था तो मिल ही रही है साथ ही पेश और इलाज के नाम पर जेल से बाहर निकालकर पूरा ऐश कराए जाने का सिलसिला जारी है।
हो भी क्यों नहीं, क्योंकि इनकी पहुंच पैसे के दम पर हर जगह है। इसके चलते वीआईपी जब जेल में होते हैं तो उनकी तो ऐसी कटती है जैसे वे मौज करने के लिए ही घर छोड़ा है। जेल के नियम और कायदे सिर्फ कागजों पर हैं, जिन कैदियों की हैसियत पैसे की नहीं, उन्हें जेल के मैनुअल के हिसाब से रखा जाता है। जिनके पास पैसा है उन्हें जेल ही नहीं पेशी के दौरान बाहर भी उनकी हर मुरादें पूरी होती है। लेकिन एक VIDEO के माध्यम से पोल खुलने के छत्तीसगढ़ के कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी रोशन चंद्राकर (Roshan Chandrakar accused in custom milling scam) को होटल में ऐश कराने वाले जेल प्रहरी लखन जायसवाल (Jail Guard Lakhan Jaiswal) के खिलाफ FIR दर्ज करा दी गई है। वैसे देखा जाए तो ये कोई पहला मामला नहीं है। क्या होगा इस मामले में निलंबन की कार्रवाई के बाद फिर एकाध दो महीने में फिर अपने ढर्रे पर चलेगी।
प्रहरी जायसवाल पर जेल मैन्युअल तोड़ने और अधिकारियों के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप है। बताया जा रहा है कि आरोपी प्रहरी जायसवाल के खिलाफ गुरुवार रात गंज थाने में मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस अब उसे गिरफ्तार करेगी। हालांकि अफसरों का कहना है कि आरोपी प्रहरी पर लगी धाराएं जमानती हैं। प्रहरी ने कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी रोशन चंद्राकर को इलाज के बहाने बाहर ले जाकर 5 घंटे तक होटल में मौज कराई थी। इस खबर को सबसे पहले एक मीडिया समूह ने प्रकाशित किया था।
जब आरोपी रोशन चंद्राकर होटल में अपनी पत्नी और अन्य लोगों से मिल रहा था। उस दौरान प्रहरी जायसवाल उसके बच्चों को पंडरी स्थित सिटी सेंटर मॉल घुमा रहा था। उसने छिपने के लिए वर्दी के ऊपर टी-शर्ट पहन रखी थी।
मामला सामने आने के बाद DG जेल राजेश मिश्रा ने जेल अधिकारियों को फटकार लगाई है। उन्होंने आरोपी जेल प्रहरी को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही प्रदेश के सभी जेल अधीक्षक को आदेश जारी कर ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है।
छत्तीसगढ़ के कस्टम राइस मिलिंग घोटाले में आरोपी रोशन चंद्राकर राइस मिलर्स एसोसिएशन का पूर्व कोषाध्यक्ष है। आरोप है कि पद पर रहते रोशन लेवी वसूलता और अफसरों को जानकारी देता था। जिन मिलर्स से कमिशन के रुपए नहीं मिलते उनका भुगतान रोक दिया जाता था।
कारोबारियों के अनुसार, अफसरों को हर काम का पैसा देना पड़ता था। ED ने करीब 3 माह पहले रोशन चंद्राकर को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उस समय वह मिलर्स एसोसिएशन का कोषाध्यक्ष था।
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