Inside story : CG-आप में सियासी त्रासदी! आखिर क्यों ‘प्रदेश अध्यक्ष हुपेंडी’ सहित पदाधिकारियों ने छोड़ी पार्टी
By : hashtagu, Last Updated : January 16, 2024 | 5:18 pm
बहरहाल, देखा जाए तो यहां छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस ही मुख्य पार्टी के केंद्र में शुरू से ही है, जब से प्रदेश बना है। राजनीतिक जमीन नहीं बना पाने के पीछे इस्तीफा देने वाले प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने बड़ा कारण बताया। उन्होंने कहा, इंडिया गठबंधन के कारण छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान हुआ था।
इन्होंने दिया इस्तीफा
- कोमल हुपेंडी -प्रदेश अध्यक्ष
- आनंद प्रकाश मिरी – वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष
- विशाल केलकर – प्रदेश सचिव
- रविंद्र सिंह ठाकुर – प्रदेश अध्यक्ष यूथ विंग
- धरम भार्गव – प्रदेश अध्यक्ष एस सी विंग
- कमल कांत साहू – प्रदेश अध्यक्ष ओ बी सी विंग
- बसंत कुजूर – प्रदेश अध्यक्ष एस टी विंग
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भानुप्रतापपुर से दो बार चुनाव लड़े! पर जमानत तक नहीं बचा पाए कोमल हुपेंडी
कोमल हुपेंडी बस्तर संभाग के भानुप्रतापपुर के रहने वाले हैं। कोमल 2016 में पार्टी से जुड़े थे। एमए इतिहास उत्तीर्ण कोमल 2007 से लेकर 2016 तक सहकारिता अधिकारी और कोऑपरेटिव बैंक के सीईओ भी रह चुके हैं। नौकरी छोड़कर पिछले 8 सालों से वह सक्रिय राजनीति में काम कर रहे हैं। वे पिछले 5 साल से छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। भानुप्रतापपुर से दो बार विधानसभा का चुनाव भी लड़ा। लेकिन हार का सामना करना पड़ा था।
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पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सूरज उपाध्याय बोले, उनका जज्बा कमजोर पड़ गया
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने कहा आम आदमी पार्टी का गठन अंतिम व्यक्ति की लड़ाई के लिए हुआ था। शिक्षा स्वास्थ्य लोगों तक पहुंचाने और देश में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हुआ था। जिन लोगों में जज्बा था वह इस पार्टी से जुड़े। लेकिन इस लड़ाई को लड़ने के लिए जज्बे की जरूरत है मुझे लगता है कि जिन साथियों ने इस्तीफा दिया है उनका जज्बा कमजोर पड़ गया। इस कारण वह पार्टी का साथ बीच में ही छोड़ कर जा रहे हैं। हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
आम आदमी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष और अकलतरा से चुनाव लड़ चुके आनंद प्रकाश मिरी ने कहा की छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में हम 90 विधानसभा सीटों पर उतरने वाले थे। लेकिन इंडिया गठबंधन के कारण सिर्फ 55 सीट पर ही हमने अपने प्रत्याशी उतारे थे। बाकी 35 सीटों पर भी हमारी पूरी तैयारी थी। लेकिन इंडिया गठबंधन के कारण हमें भारी नुकसान हुआ। और कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी थी।
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