रायपुर। IPS जीपी सिंह (IPS GP Singh) को केंद्र सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृति दे दी है। आय से अधिक संपत्ति मामले (Disproportionate Assets case) में पिछले करीब दो साल से IPS जीपी सिंह निलंबित चल रहे थे। अब IPS जीपी सिंह को बर्खास्त किए जाने की खबर है। 1994 बैच के अधिकारी जीपी सिंह पहले एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) थे। और उन्होंने रायपुर के महानिरीक्षक (आईजी) के रूप में भी कार्य किया था। पिछले कई दिनों से उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया चल रही थी। राज्य सरकार की तरफ से कार्रवाई का प्रस्ताव भी भेजा गया था, जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने उनके जबरिया रिटायरमेंट को मंजूरी दे दी है।
5 जुलाई को निलंबित होने से पहले वह पुलिस प्रशिक्षण अकादमी के प्रमुख के रूप में तैनात थे। इसके अलावा छापे के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले थे, जिसके आधार पर रायपुर कोतवाली में निलंबित IPS जीपी सिंह पर राज्य सरकार राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था, जिसका चालान कोतवाली पुलिस पहले ही कोर्ट में पेश कर चुकी थी, जो कोर्ट में विचाराधीन है. आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर में अनुपातहीन संपत्ति और भष्टाचार निवारण अधिनियम और धारा 201,467,471 के आरोप में निलंबित आईपीएस जीपी सिंह का प्रकरण दर्ज है।
इससे पहले उच्च न्यायालय और बाद में उच्चतम न्यायालय में उनके खिलाफ जांच और गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने की उसकी अपील खारिज कर दी थी, जिसके बाद वह गुड़गांव से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि 1 जुलाई 2021 की सुबह 6 बजे ACB-EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में जीपी सिंह के सहयोगियों समेत उनके सभी ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था, जिसमें 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ था।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)
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