रायपुर: छत्तीसगढ़ में नए स्थायी पुलिस महानिदेशक (DGP) की नियुक्ति को लेकर हलचल तेज हो गई है। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने राज्य सरकार को तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों को क्लीयर कर दिया है। इनमें आईपीएस अरुण देव गौतम, पवन देव और जीपी सिंह के नाम शामिल हैं। राज्य सरकार जून महीने में स्थायी डीजीपी की घोषणा कर सकती है।
फिलहाल डीजीपी की जिम्मेदारी आईपीएस अरुण देव गौतम के पास है। उन्हें राज्य सरकार ने 4 फरवरी को अस्थायी रूप से यह जिम्मेदारी सौंपी थी। गौतम के पास फिलहाल नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा नवा रायपुर के महानिदेशक और लोक अभियोजन नवा रायपुर के संचालक का प्रभार भी है। सूत्रों की मानें तो अरुण देव गौतम के पक्ष में प्रदेश के कई प्रभावशाली नेताओं की लॉबी सक्रिय है, जिससे उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
वहीं, आईपीएस पवन देव के लिए बिहार के कुछ राजनीतिक नेताओं द्वारा लॉबिंग की जा रही है। पवन देव इस समय पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमेन के पद पर पदस्थ हैं और उनका प्रशासनिक अनुभव भी काफी व्यापक है।
आईपीएस जीपी सिंह भी इस दौड़ में मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। उनके लिए न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि दिल्ली के उच्चस्तरीय राजनीतिक और नौकरशाही हलकों में भी समर्थन जुटाया जा रहा है। वर्तमान में वे डीजी पीएचक्यू के पद पर पदस्थ हैं।
गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार, UPSC से संबंधित फाइल और पत्र मुख्यमंत्री सचिवालय को प्राप्त हो चुके हैं और अब अंतिम निर्णय की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संभावना है कि जून के पहले सप्ताह तक राज्य को उसका स्थायी डीजीपी मिल जाएगा।
तीनों अधिकारियों की वरिष्ठता, प्रशासनिक अनुभव और राजनीतिक समर्थन को देखते हुए मुकाबला बेहद करीबी हो चुका है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में अस्थायी डीजीपी पद पर कार्यरत अरुण देव गौतम का नाम इस रेस में सबसे ऊपर चल रहा है। अब देखना होगा कि अंतिम फैसला किसके पक्ष में जाता है और कौन बनेगा छत्तीसगढ़ पुलिस का स्थायी मुखिया।