आपातकाल की दुर्दशा शब्दों में बयां कर पाना नामुमकिन: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

By : hashtagu, Last Updated : July 3, 2025 | 12:07 pm

रायपुर, छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) ने कहा कि 25 जून 1975 हमारे देश के लिए एक काला दिन था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राजनीतिक स्वार्थ के कारण आपातकाल लागू किया। उस समय देश के लिए संघर्ष करने वाले सभी लोगों को बिना किसी कारण के जेल में डाल दिया गया था। वहां जो दुर्दशा हुई, उसे शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है।

साय ने यह बातें बुधवार को राजधानी रायपुर में भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर आयोजित मॉक पार्लियामेंट कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में युवाओं ने सांसद की भूमिका को बखूबी निभाया है। सभी ने विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत और सार्थक चर्चा की।

वहीं, उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि इंदिरा गांधी ने सत्ता के लालच में पूरे देश को आपातकाल की आग में झोंक दिया।

भारत में आपातकाल की घोषणा कुल तीन बार की गई थी। पहली बार 26 अक्टूबर 1962 को भारत-चीन युद्ध के कारण राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया गया, जो 10 जनवरी 1968 तक रहा। इसके बाद दिसंबर 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान दूसरा आपातकाल लागू किया गया, जो 21 मार्च 1977 तक प्रभावी रहा। तीसरी बार 25 जून 1975 को आंतरिक अशांति के आधार पर आपातकाल लागू किया गया, जो 21 मार्च 1977 तक चला। यह आपातकाल केवल सत्ता के लिए देश को मुश्किलों में धकेलने का परिणाम था।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि संसद जैसे मंच पर बोलना हर युवा के लिए गर्व की बात होती है। यह मंच न केवल ज्ञान का विस्तार करता है, बल्कि हमें अपने देश के प्रति जिम्मेदारी का अहसास भी कराता है। जब भी देश पर संकट आया, हमारे युवाओं ने आगे बढ़कर रास्ता दिखाया। डॉ. रमन सिंह ने यह भी कहा कि इस युवा संसद का उद्देश्य सिर्फ इतिहास को जानना नहीं है, बल्कि उससे सीख लेना है ताकि भविष्य में हम कोई ऐसी गलती न करें जो देश को नुकसान पहुंचाए।