रायपुर: रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के कई जिलों में शुक्रवार सुबह आयकर विभाग (IT department) की बड़ी कार्रवाई हुई। लोहा कारोबार से जुड़े दो से तीन प्रमुख व्यापारियों और उनके सहयोगियों के घर दफ्तर और प्लांट सहित लगभग चालीस से पचास ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की गई। टीमों ने सभी जगह दस्तावेजों की गहन जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों के अनुसार जमीन कारोबार से जुड़े लोगों के ठिकानों पर भी छापे चल रहे हैं। कार्रवाई के दौरान सौ से ज्यादा CRPF जवान तैनात किए गए हैं ताकि किसी भी तरह की बाधा न आए। विभाग के अधिकारी कारोबारी दस्तावेज लेनदेन से जुड़े रिकॉर्ड और डिजिटल डेटा की भी जांच कर रहे हैं।
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब पिछले कुछ दिनों में लगातार एजेंसियों की बड़ी रेडें सामने आई हैं।
पांच दिन पहले ही रायपुर और अन्य राज्यों में ED की छापेमारी हुई थी। मेडिकल कॉलेज मान्यता से जुड़े कथित रिश्वत मामले में तीस नवंबर को ईडी ने आठ राज्यों में एक साथ कार्रवाई की थी। रायपुर स्थित रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज भी जांच के दायरे में आया था। वहां से मोबाइल फोन डीवीआर पेन ड्राइव हार्ड डिस्क और कई डिजिटल सबूत जब्त किए गए थे। कॉलेज के डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी से पूछताछ भी की गई थी।
ग्यारह दिन पहले ACB EOW ने भी छत्तीसगढ़ के कई जिलों में दबिश दी थी। चौबीस नवंबर की सुबह रायपुर दुर्ग बिलासपुर कोंडागांव और अंबिकापुर में उन्नीस ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई हुई। यह छापेमारी शराब घोटाले और DMF घोटाले की जांच आगे बढ़ाने के लिए थी।
DMF केस में हरपाल सिंह अरोड़ा और उनसे जुड़े ठेकेदारों तथा अन्य लोगों के यहां कुल ग्यारह ठिकानों पर सर्च की गई थी। वहीं शराब घोटाले से जुड़े मामलों में जेल में बंद अनिल टुटेजा और निरंजन दास के परिजनों से जुड़े रायपुर बिलासपुर दुर्ग और बस्तर के आठ ठिकानों पर छापे मारे गए थे।
लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से प्रदेश में बड़ी आर्थिक गतिविधियों और उनके लेनदेन को लेकर जांच एजेंसियां अब पहले से ज्यादा सक्रिय दिखाई दे रही हैं।