लखमा ने पूर्व मंत्री को ललकारा, बोले मैं तो मां का दूध पीया हूं, जानें, क्यों बोला हमला
By : madhukar dubey, Last Updated : December 10, 2022 | 5:30 pm
” केदार कश्यप को शर्म आनी चाहिए, क्यों कहा यह भी पढ़ें”
कवासी लखमा ने कहा कि, केदार कश्यप को बोलने में थोड़ी शर्म रखनी चाहिए। बस्तर के ३००० स्कूल बंद करवा दिए। ताड़मेटला में ३०० घर जला दिए। कई आदिवासियों को मरवा दिए हैं। क्या केदार कश्यप खुद आदिवासी नहीं है। उन्हें आदिवासियों की भलाई नहीं करनी है क्या? यदि करनी है तो वे खुद भी राज्यपाल के पास इस मामले को लेकर जाएं। मेरा सवाल यही है कि आखिर वे जा क्यों नहीं रहे हैं।
“आदिवासी हैं राज्यपाल, एक न दिन जरूर साइन करेंगी”
आबकारी मंत्री का कहना है कि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके भी आदिवासी हैं। वे मध्यप्रदेश की बेटी हैं। आदिवासियों की भलाई करना जानती हैं। मुझे विश्वास है आज नहीं तो कल हमारा काम जरूर करेंगी। आरक्षण के मामले को आदिवासियों को उनका हक दिलाने मैं हाथ जोड़कर दो बार उनके पास गया हूं। जरूरत पड़ी तो और जाऊंगा। यदि वे नहीं करती हैं तो भारतीय जनता पार्टी इसकी जिम्मेदार होगी। फिर हम आरक्षण दिलाने के लिए सड़क की लड़ाई जितना हो सके लड़ेंगे। आदिवासियों को उनका हक जरूर मिलेगा।
केदार कश्यप के इस बयान पर खफा हैं मंत्री लखमा
पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा था कि, कवासी लखमा बोले थे २ तारीख तक यदि पूरा आरक्षण नहीं दिला पाऊं तो अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा। अब तारीख निकल चुकी है। यदि कवासी लखमा असली मां और असली बाप के बेटे हैं तो वे फौरन पद से इस्तीफा दें। आबकारी मंत्री के बयानों के हिसाब से आज छत्तीसगढ़ में आरक्षण लागू नहीं हो पाया। इसी कारण लोगों की विभिन्न पदों में भर्ती नहीं हो पा रही है और न ही नियुक्तियां हो पा रही है। पूरे छ्त्तीसगढ़ में आरक्षण की स्थित शून्य हो गई है।