बुझा सुहाग का दीया, अब ऐसी बेबसी की सड़क पर लेटीं गुरु पत्नियां, जानें, पूरा वाक्या

By : madhukar dubey, Last Updated : December 10, 2022 | 5:33 pm

छत्तीसगढ़। कभी हाथों पर सजाती थीं मेंहदी और मांग में सिंदूर का आभूषण। पर क्या पता था कि जिसके साथ सात फेरे लिए थे, वह जीवन के मझधार में छोड़कर चला जाएगा। लेकिन इस मुसीबत से निकलने के लिए एक आस थी, उनके जगह पर कम से कम अनुकंपा नियुक्ति मिल जाए। ताकि पूरे परिवार का भरण पोषण हो सके। लेकिन अभी तक उनकी सुध सरकार ने नहीं ली। वे अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की चौखटे नापते रहीं। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।

आखिरकार ऐसी शिक्षकों की पत्नियों ने अपने संघ के माध्यम से सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिए एक अनूठा प्रदर्शन करने का फैसला किया। प्रदेश के कोने-कोने से पीडि़त महिलाओं का जमावड़ा बूढ़ातालाब पर हुआ। इसके बाद यहां सरकार पर अनुकंपा नियुक्ति नहीं करने पर वक्ता जमकर बरसे। फिर सभी ने फैसला किया कि सरकार को जगाने के लिए प्रदर्शन किया जाए। लेकिन उसका तरीका नहीं विधवा महिलाओं ने बदला दिया। वे गणेश मंदिर तक दंडवत पहुंची थीं। इसके बाद उन्होंने वहां पूजा पाठ किया है और सरकार के सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की है।

हाथ में नारियल लेकर दंडवत करती हुई चलीं विधवा महिलाएं

अपने हाथों में नारियल लेकर उनका हूजूम सड़कों पर निकला। फूल और अगरबत्ती लेकर रैली निकली। जो इन्हें देखता तो एक बार ठहर जाता। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं। बता दें, ये सभी पंचायत स्तर के उन शिक्षकों की पत्नियां हैं, जिनकी हादसे या बीमारी की वजह से मौत हो चुकी है। सरकारी नौकरी में कमाने वाले व्यक्ति की मौत के बाद परिवार के किसी एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति का नियम होता है। प्रदर्शन के बाद संघ की प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृघे ने कहा भगवान गणेश जी बहुत दयावान हैं। वे हम पर दया करेंगे। साथ ही सत्ता में बैठे लोगों को सद्बुद्धि प्रदान करेंगे। यहां हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। छत्तीसगढ़ राज्य की विधवा बहू बेटियां पिछले ५२ दिनों से सड़कों में बैठने के लिए मजबूर हैं।