रायपुर। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर (Trainee Doctor in Medical College) का रेप और मर्डर के मामले में रायपुर के जूनियर डॉक्टरों ने मोर्चा खोल दिया है. इस घटना के विरोध में राजधानी सहित पूरे देश के डॉक्टर सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल में OPD सेवाएं पूरी तरह से बंद हो गई है. जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी सेवाओं में ड्यूटी करेंगे. खास बात है कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का नर्सिंग संगठन (Nursing organization of doctors’ strike) ने भी समर्थन किया।
मेकाहारा हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टरों की संख्या 600 से ज्यादा है. हड़ताल पर जाने से मेडिकल व्यवस्था चरमरा गई है। हड़ताल पर बैठी जूनियर डॉक्टर अर्पिता ने बताया “कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जो घटना हुई है, उस घटना के विरोध में एकदिवसीय प्रदर्शन कर रहे हैं. पूरे देश के डॉक्टर एक होकर न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. जो भी इस तरह की घटना हो रही है परिवार वालों के साथ या फिर किसी अन्य के साथ इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए. ऐसे में हम अपनी भी सेफ्टी और सिक्योरिटी की मांग अथॉरिटी से कर रहे हैं. इस तरह की घटना अगर हॉस्पिटल के अंदर हो सकती है तो यह घटना कहीं भी और कभी भी हो सकती है. एक सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट और वायलेंस प्रोटोकॉल चाहते हैं ताकि हम अपनी वर्कप्लेस पर बिना डरे काम कर सके।”
हॉस्पिटल में बढ़ाई जाए सुरक्षा: जूडा एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष गगनमोहन छाबड़ा ने बताया “कोलकाता की घटना को लेकर हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं. यह एक दर्दनाक घटना है. यह केवल हमारे लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए है. एक ऑन ड्यूटी डॉक्टर का इस तरह से बलात्कार हुआ है. इसी मामले को लेकर आज रायपुर के मेकाहारा में प्रदर्शन किया जा रहा है. सेफ्टी अब बड़ा मुद्दा हो गया है. केवल महिला या पुरुष डॉक्टर के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए, डॉक्टर अपने घर और वर्कप्लेस में अगर सेफ नहीं है तो कहां पर डॉक्टर सेफ है. ऐसे में सुरक्षा को सभी हॉस्पिटल में बढ़ाया जाना चाहिए. सेफ्टी के तमाम इंतजाम होनी चाहिए.”
नर्सिंग संगठन ने जूडा की हड़ताल को दिया समर्थन: नर्सिंग एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष रीना राजपूत ने बताया “जूनियर डॉक्टर के इस हड़ताल को हम समर्थन देने आए हैं. यह मुद्दा केवल जूनियर डॉक्टर का नहीं है बल्कि हेल्थ वर्करों का भी है. हेल्थ वर्कर चाहे अधिकारी हो या कर्मचारी असुरक्षित महसूस करता है. मेडिकल कॉलेज के साथ ही सीएससी और पीएससी में भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हेल्थ फेडरेशन के माध्यम से सरकार का ध्यान दिलाया गया था बावजूद इसके अब तक इस दिशा में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है.”