रायपुर, 15 जनवरी 2025: छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma), जो शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिमांड पर हैं, पर आरोप लगे हैं कि उन्हें हर महीने 2 करोड़ रुपये का कमीशन मिलता था। बुधवार को जब लखमा ED के रायपुर दफ्तर में पूछताछ के लिए पहुंचे, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अब ED के वकील सौरभ पांडेय ने दावा किया है कि पिछले दो सालों में, यानी 36 महीनों के दौरान, लखमा को 72 करोड़ रुपये का अवैध कमीशन मिला।
पहले यह जानकारी सामने आई थी कि लखमा को महीने में 50 लाख रुपये का कमीशन मिलता था, लेकिन अब ED के वकील ने इस राशि को बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये मासिक बताया है। पांडेय के मुताबिक, यह राशि सुकमा में उनके बेटे हरीश कवासी के घर बनाने और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में खर्च की गई। ED ने दावा किया है कि इस घोटाले में लखमा के साथ गिरफ्तार हुए आरोपी अरुणपति त्रिपाठी और अरविंद सिंह ने पूछताछ में यह खुलासा किया था कि शराब कर्टल से हर महीने लखमा को 50 लाख रुपये भेजे जाते थे।
इसके अलावा, AP त्रिपाठी ने यह भी बताया कि 50 लाख रुपये के अतिरिक्त 1.5 करोड़ रुपये और दिए जाते थे, जिससे कुल मिलाकर लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपये का कमीशन मिल रहा था। विभागीय अधिकारियों इकबाल खान और जयंत देवांगन ने यह बताया कि वे पैसों का इंतजाम कर लखमा तक भेजते थे, जबकि कन्हैया लाल कुर्रे के माध्यम से पैसे के बैग इकट्ठे किए जाते थे।
लखमा ने अपने बयान में यह भी स्वीकार किया है कि अरुणपति त्रिपाठी के निर्देश पर साइन करवाए जाते थे, जिससे उनकी भागीदारी इस मामले में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। इस पूरे मामले में अब लखमा के वकील फैजल रिजवी ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि यह गिरफ्तारी केवल कुछ तथ्य इकट्ठा करने के बाद की गई है। वे आरोप लगाते हुए कहते हैं कि यदि लखमा को 2 करोड़ रुपये मिल रहे थे तो उसकी कोई ठोस सबूत सामने आना चाहिए था, लेकिन छापे के दौरान उनके घर से कोई भी महत्वपूर्ण राशि नहीं मिली, न ही 20 हजार रुपये तक मिले हैं।