रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले(Liquor scam worth Rs 2 thousand crores) के मामले में भूपेश सरकार के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा जांच के दायरे(Former Excise Minister of Bhupesh government Kawasi Lakhma under investigation) में आ गए हैं। इनके सात ठिकानों पर पड़े ईडी के छापे में कई अहम इनपुट वाले संदिग्ध सबूत मिले हैं। इस संबंध में पूछताछ के लिए कवासी लखमा से ईडी कार्यालय में पूछताछ चल रही है। वैसे संभावना है कि हो सकता है कि उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।
बहरहाल, अब इस पूरे मामले में सियासी पारा चढ़ चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छापे पर पहले ही कह दिया था कि एजेंसियों का दुरूपयोग कर बदनाम करने की कोशिश हो रही है। शुक्रवार को कवासी के ईडी कार्यालय में पहुंचने के बाद एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग छिड़ चुकी है। इस बार पूर्व नगरीय निकाय मंत्री शिव कुमार डहरिया और उपमुख्यमंत्री अरुण साव आमने-सामने हैं। शिव कुमार डहरिया के आरोपों पर अरूण साव ने पलटवार किया है।
पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा, ईडी चाहती तो कार्रवाई पहले भी कर सकती है, लेकिन चुनाव से ठीक पहले बस्तर के मजबूत कड़ी को तोडऩे की कोशिश है. लखमा जैसे ईमानदार आदमी कही नहीं मिलेंगे। आदिवासी आदमी है, वो निर्दोष साबित होंगे. इस मामले में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक केंद्रीय जांच एजेंसी है। चाहे वह छोटा आदमी हो या बड़ा आदमी हो, एजेंसी समान रूप से जांच करती है।
कांग्रेस के बयान पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक केंद्रीय जांच एजेंसी है. जो जानकारी है वो जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए। चाहे वह छोटा आदमी हो या बड़ा आदमी हो, एजेंसी समान रूप से जांच करती है. जांच के जो तथ्य है, उसे स्पष्ट रूप से बताना चाहिए. लखमा के बयान पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि कवासी लखमा को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है तो जांच में सहयोग करें. अगर आप निर्दोष हैं तो उस तरह की बात कीजिए. ईडी सभी बातों पर विचार करेगी.
डिप्टी सीएम साव ने भूपेश बघेल के बयान पर कहा कि छत्तीसगढ़ का एक-एक व्यक्ति इस बात को जानता है कि प्रदेश में शराब घोटाला हो रहा था. कैसे शराब दुकानों में दो-दो काउंटर बने थे. नकली होलोग्राम का उपयोग किया गया था. कांग्रेस सरकार में एक आर्गनाइज क्रिमिनल सिंडिकेट बनाकर शराब घोटाले को अंजाम दिया गया. ये छत्तीसगढ़ के आम लोग जानते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ये जांच कांग्रेस सरकार के रहते हुए शुरू हुई थी. जांच एक सतत प्रकिया है. केंद्रीय जांच एजेंसी की प्रकिया पर सभी को भरोसा करना चाहिए. जो तथ्य हैं वह ईडी को बताना चाहिए.
बता दें कि छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के साथ उनके बेटे कवासी हरीश और तत्कालीन ओएसडी जयंत देवांगन से ईडी ने पूछताछ शुरू कर दी है. 28 दिसंबर को कवासी लखमा के साथ-साथ उनके पुत्र के निवास में छापा मारा था, जिसमें ईडी ने नकद लेन-देन के सबूत मिलने की जानकारी दी थी, जिसके साथ ही संपत्ति की जानकारी देने आज तक का समय दिया था.
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